बाघ की दहशत, 7 गाँव में लगा कर्फ्यू


बलौदाबाजार/भाटापारा। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में स्थित बारनवापारा अभ्यारण में कई सालों बाद अचानक बाघ दिखने से हड़कंप मच गया है। बाघ की सुरक्षा को लेकर वन विभाग सहित प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया है। जिला कलेक्टर केएल चौहान ने बारनवापारा अभ्यारण के आसपास के सात गांव में धारा 144 लागू कर दी है, जिनमें रवान, मोहदा, कौआबाहरा, मुरुमडीह, छतालडबरा, गजराडीह व दलदली गांव शामिल है। इन सात गावों में ध्वनि विस्तारक यंत्र पर भी रोक लगाया गया है।

बताया गया है कि बाघ को पहली बार शिक्षक कांशीराम पटेल ने 7 मार्च को बारनवापारा अभ्यारण सिरपुर रोड में देखा और वीडियो बनाकर वन विभाग को सूचित किया, लेकिन वन विभाग ने इसे नजरअंदाज कर दिया। हाल ही में वीडियो वायरल हुई, तब कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लिया। जिसके बाद से लगातार वन अमला बाघ की सुरक्षा को लेकर सावधानी बरत रहा है। ग्रामीणों को वन विभाग के अनुमति बगैर जंगलों में जाने पर रोक लगाई गई है। बताते हैं कि ग्रामीणों ने दूसरी बार 8 मार्च को बाघ देखने की सूचना वन विभाग को दी। तत्काल वन विभाग ने टीम गठित कर कार्रवाई की। इस दौरान अमलोर, सुकुलबाय में मवेशियों का शिकार किए जाने की सूचना मिली। बलौदाबाजार वनमण्डल के परिक्षेत्र बल्दाकछार के कर्मचारी ने बाघ को प्रत्यक्ष देखा और पुष्टि की।

बाघ की सुरक्षा को लेकर वन अमला चिंता में है. क्योंकि जंगलों में शिकारियों द्वारा शिकार के कई तरीके अपनाए जा रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टाइगर की उम्र 7 से 8 साल होगी, वह पूरी तरह से स्वस्थ है। छत्तीसगढ़ में पहली बार महासमुंद से टाइगर के लवन रेंज में आने की खबर थी। बलौदाबाजार वन मंडल अधिकारी ने मामले को गम्भीरता से नहीं लिया गया। पिछले दो-तीन दिनों से वीडियो तेजी से वायरल होने के बाद बलौदाबाजार कलेक्टर ने संज्ञान लिया और 7 गांव में धारा 144 लागू किया। बाघ का मूवमेंट लगातार चल रहा है। जानकारों के अनुसार, एक दिन में टाइगर 35 से 40 किमी का मूवमेंट कर लेता है। लिहाजा, उसके बारनवापारा अभ्यारण रेंज में आने से एक ओर जहां लोग रोमांचित हैं. वहीं, वन विभाग के लिए टाइगर की सुरक्षा चुनौती बनी हुई है।