राधिका खेड़ा मामले में जवाब तैयार करने में जुटी पीसीसी, एआईसीसी ने मांगा था 24 घंटे के भीतर जवाब


रायपुर ( न्यूज़)। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता व छत्तीसगढ़ में मीडिया समन्वयक राधिका खेड़ा से हुए कथित दुव्र्यवहार के मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है। एआईसीसी ने पीसीसी को पत्र लिखकर इस मामले में 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा था। पिछले तीन दिनों से यह मामला सुर्खियों में है। भारी बवाल के बाद एआईसीसी गुरूवार को एक्शन मोड़ में आया था।

लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेत्री राधिका खेड़ा के साथ कथित बदसलूकी को लेकर मचा सियासी बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। रोजाना मामले में नया अपडेट आ रहा है। जहां एक ओर कोई भी कांग्रेस नेता ओर इस मामले में कुछ कहने से बच रहे हैं तो दूसरी ओर भाजपा के नेता राधिका खेड़ा के साथ हुई घटना को लेकर कांग्रेसियों पर हमलावर हैं। इन सबके बीच मामले में एक नया मोड़ तब आ गया जब एआईसीसी ने पीसीसी से 24 घंटे के भीतर इस मामले की रिपोर्ट तलब की। इस संबंध में एआईसीसी मीडिया चेयरमैन पवन खेड़ा ने पीसीसी चीफ दीपक बैज को पत्र लिखा था।

जानकारी के अनुसार, राधिका खेड़ा के साथ हुई बदसलूकी को लेकर पूरे देश में बवाल मचने के बाद कांग्रेस पार्टी की नींद टूटी है और अब आईसीसी ने पीसीसी से 24 घंटे में रिपार्ट मांगी है। एआईसीसी द्वारा रिपोर्ट तलब किए जाने के बाद अब पीसीसी भी सक्रिय हो गई है। हालांकि पीसीसी चीफ दीपक बैज ने एक निजी मीडिया संस्थान से चर्चा में कहा था कि ये कोई बड़ा मामला नहीं है। दोनों एक ही विभाग में काम करते हैं और दोनों से बात करके जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएगा। दरअसल मंगलवार को राधिका खेड़ा का पीसीसी के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ल के साथ विवाद हो गया था। इसके बाद राधिका खेड़ा रोते हुए नजर आई थी।

उन्होंने इसकी शिकायत के लिए बड़े नेताओं से संपर्क भी किया लेकिन उनकी किसी से बात नहीं हुई। वायरल हुए एक वीडियों में राधिका रोते हुए कह रही थी कि पिछले 40 सालो में ऐसा व्यवहार उनके साथ नहीं हुआ। राधिका ने पार्टी छोडऩे तक की बात कह दी थी। हालांकि कांग्रेस ने इस विवाद को ज्यादा तवज्जो नहीं दिया और पार्टी के भीतर की बात होने और इससे निबट लेने का दावा किया हैं। इस पूरे मसले को लेकर भाजपा ने भी कांग्रेस नेताओ पर हमले किए हैं। भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता, विधायक राजेश मूणत और गौरी शंकर श्रीवास जैसे नेताओं ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।