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· 10,000 से अधिक किसानों को कंपनी की योजनाओं से मिला लाभ
· योजनाएं सतत कृषि विधियों एवं आर्थिक सशक्तिकरण पर केन्द्रित
नई दिल्ली : भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक कंपनी वेदांता एल्यूमिनियम ने राष्ट्रीय किसान दिवस पर देश के ग्रामीण समुदायों की सामाजिक-आर्थिक उन्नति के लिए व्यापक मार्गों की रचना की दिशा में अपना संकल्प दोहराया है। कंपनी अनेक योजनाओं के जरिए कृषि समुदाय के साथ सक्रियता से जुड़ी है। ये योजनाएं किसानों के लिए गरिमा के साथ आजीविका सुनिश्चित करती हैं, कृषि की तकनीकों पर ज्ञान वृद्धि करती हैं, सतत कृषि विधियों को बढ़ावा देती हैं और चक्रीय अर्थव्यवस्था का निर्माण करती हैं। वेदांता एल्यूमिनियम के योगदान से अब तक 10,000 से अधिक किसानों को लाभ हुआ है। कृषि योजनाएं ओडिशा और छत्तीसगढ़ में ग्रामीण समुदायों में सकारात्मक परिवर्तन लाने में उत्प्रेरक का काम कर रही हैं।
राष्ट्र की समग्र प्रगति में किसानों की केन्द्रीय भूमिका के मद्देनजर कंपनी कृषि समुदाय के सदस्यों के लिए उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं में इज़ाफा कर रही है। इसके लिए ज़मीनी स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं। झारसुगुडा, ओडिशा में जीविका समृद्धि कार्यक्रम तथा कोरबा, छत्तीसगढ़ में मोर जल मोर माटी परियोजना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा वेदांता एल्यूमिनियम ने बायोडीज़ल के ट्रायल रन भी संचालित किए हैं जिनसे किसानों को अतिरिक्त आमदनी में मदद मिलेगी क्योंकि यह आम तौर पर फसलों के अवशेष आदि जैविक पदार्थों से निकाला जाता है। इन पहलों को विचारपूर्वक संयुक्त राष्ट्र सतत लक्ष्यों गरीबी की समाप्ति (एसडीजी 1), उचित कार्य एवं आर्थिक वृद्धि (एसडीजी 8), उद्योग-नवाचार-आधारभूत संरचना (एसडीजी 9) तथा क्लाइमेट एक्शन (एसडीजी 13) के अनुसार तैयार किया गया है।
जीविक समृद्धि कार्यक्रम झारसुगुडा, ओडिशा में वेदांता एल्यूमिनियम के मेगा एल्यूमिनियम प्रचालन के आसपास लागू किया गया है। छोटे किसानों के लिए कृषि के ज्यादा कुशल तरीके प्रस्तुत करना इसका लक्ष्य है। इस परियोजना का तीसरा चरण हाल ही में प्रारंभ किया गया जिससे लगभग 1000 कृषक परिवार लाभान्वित हुए। इसके तहत जलवायु संवेदी तरीकों को प्रोत्साहित कर एकीकृत जैविक कृषि विधियों से पैदावार में बढ़ोतरी की गई।
कोरबा, छत्तीसगढ़ स्थित भारत की प्रतिष्ठित एल्यूमिनियम उत्पादक बालको ने ‘मोर जल मोर माटी’ परियोजना लागू की है। इससे आसपास के समुदायों को कृषि में क्रांतिकारी बदलाव लाने में मदद मिली है। परियोजना ने 32 गांवों के 3600 से अधिक किसानों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। इन किसानों में से लगभग 30 प्रतिशत 18 से 35 वर्ष के युवा हैं। इस पहल से युवा किसान कृषि को स्थाई पेशे के तौर पर अपनाने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं। यह परियोजना सतत और आधुनिक कृषि विधियों को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है। इसके अंतर्गत जल संरचनाओं के निर्माण व मरम्मत द्वारा जल प्रबंधन के तरीकों में सुधार किया गया है, बागवानी और गैर-लकड़ी वन उपज योजना लागू की गई है। कृषि उत्पादक संगठन द्वारा कृषि पद्धतियों का संस्थानीकरण किया गया है। इसके अतिरिक्त इस परियोजना में एक समर्पित वेदांता कृषि संसाधन केन्द्र की स्थापना भी शामिल है जो किसानों के लिए प्रशिक्षण व प्रदर्शन सुविधाओं से युक्त है।
इसके अलावा ओडिशा की लांजीगढ़ एल्यूमिना रिफाइनरी में कंपनी ने वाणिज्यिक वाहनों के लिए सस्टेनेबल वैकल्पिक ईंधन के तौर पर बायोडीज़ल का इस्तेमाल करते हुए इसके सफल ट्रायल रन सम्पन्न किए हैं। इससे बायोफ्यूल फीडस्टॉक की उत्पादक खेती तथा बायोफ्यूल फसलों के स्थिर बाजार को बढ़ावा मिलेगा। कंपनी के एनर्जी मिक्स में एकीकृत बायोमास ब्रिकेट्स भी हैं जिन्हें भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार कृषि अवशेष से बनाया गया है। इस पहल से कृषि अवशेषों को जलाने के चलन को कम करने में मदद मिलेगी। इस चलन की वजह से पर्यावरण पर गंभीर दुष्प्रभाव होता है। इस तरह की पहलों से किसानों की आय बढ़ती है क्योंकि उन्हें आमदनी के नए रास्ते मिलते हैं। इस तरह से चक्रीय अर्थव्यवस्था का निर्माण होता है।
इसके साथ ही कंपनी नलकूप, बोरवेल, तालाब और पर्कोलेशन टैंक जैसी महत्वपूर्ण आधारभूत संरचनाओं की स्थापना में केंद्रीय भूमिका निभा रही है। इस तरह स्थानीय समुदायों के लिए पूरे वर्ष उनके घरों एवं खेतीबाड़ी के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। अकेले वित्तीय वर्ष 2023 में ही वेदांता एल्यूमिनियम ने अपने प्रचालनों के करीब 40 से अधिक जलाशयों का जीर्णोद्धार किया है। वित्तीय वर्ष 2021 के मुकाबले वित्तीय वर्ष 2023 में वेदांता एल्युमिनियम ने अपने सामुदायिक निवेश में 45 प्रतिशत की वृद्धि की है।