लोकसभा चुनाव से पहले और मजबूत हुई भाजपा, इस पार्टी का बीजेपी में विलय, पीसी जॉर्ज ने कहा-भारत को ऐसा प्रधानमंत्री कभी नहीं मिला


नई दिल्ली (एजेंसी)। देश में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है। जहां एक तरफ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ अपने सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर मंथन कर रही है। वहीं भाजपा ने ‘400 पार’ के नारे के साथ चुनावी बिगुल फूंक दिया है। इसी बीच, दक्षिण की राजनीति में भी सुगबुगाहट तेज हो गई है। कुछ दिन पहले डीएमके और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग पर चर्चा हुई। केरल जनपक्षम(सेक्युलर) पार्टी के अध्यक्ष पीसी जॉर्ज ने संकेत दिया था कि उनकी पार्टी भाजपा में अपना विलय कर सकती है। आखिरकार बुधवार को उन्होंने इन संकेतों को सही साबित किया है।

केरल जनपक्षम (सेक्युलर) का भाजपा में विलय
बुधवार को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले आखिरकार पीसी जॉर्ज की पार्टी केरल जनपक्षम (सेक्युलर) का भाजपा में विलय हो गया है। केरल विधानसभा में लंबे समय तक पूंजर सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले जॉर्ज ने पीएम मोदी की खूब तारीफ की। इस दौरान तारीफ में उन्होंने कहा कि भारत को ऐसा प्रधानमंत्री कभी नहीं मिला, जो देश के विकास के लिए हर समय कार्य कर रहे हो। मेरी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच भी यही राय है कि पीएम मोदी का साथ दिया जाना चाहिए। पीसी जॉर्ज अपने बेटे शॉन और अन्य केरल जनपक्षम (सेक्युलर) नेताओं के साथ भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए।

पीएम मोदी के मिशन पर जताया भरोसा- एंटनी
उनकी पार्टी का भाजपा में विलय पर भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनिल एंटनी ने कहा कि आज पीसी जॉर्ज की पार्टी का भाजपा में विलय हुआ। पीएम मोदी के ‘विकसित भारतÓ बनाने के दृष्टिकोण पर उन्होंने भरोसा जताया है। जॉर्ज की मौजूदगी में अनिल एंटनी ने कहा कि केरल जनपक्षम (सेक्युलर) का विलय एक ऐतिहासिक दिन है। इससे भाजपा को राज्य में मजबूती मिलेगी, जो भारत के विकास के लिए पीएम मोदी के मिशन को योगदान देगी।

1982 में पहली बार बने थे विधायक
कोट्टायम जिले के पूंजर विधानसभा सीट से पीसी जॉर्ज सात बार के पूर्व विधायक हैं। जॉर्ज ने कुल 33 वर्ष तक केरल विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया। खुद की पार्टी केरल जनपक्षम (सेक्युलर) बनाने से पूर्व वह केरल कांग्रेस, केरल कांग्रेस (मणि), केरल कांग्रेस (जोसेफ) समेत कई राजनीतिक दलों से जुड़े थे।