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भिलाई। छत्तीसगढ़ में अबकी बार 75 पार का नारा देने वाली कांग्रेस कुल जमा 35 सीटों पर सिमटकर रह गई। अपने 75 के नारे से उसे सिर्फ 40 सीटें कम मिली और हाथ से सत्ता भी चली गई। कांग्रेस की इस तगड़ी हार के पीछे वैसे तो कई वजहें रही है, लेकिन सबसे बड़ी वजह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पिछड़ा वर्ग कार्ड रही, जिसके चलते आदिवासी और सतनामी समाज को हाशिए पर डाल दिया गया। इसके अलावा सामान्य वर्ग के लोगों में भी असुरक्षा की भावना गहराती चली गई। कांग्रेस ने असुरक्षित महसूस करते इन वर्गों को लगातार नजरअंदाज किया। आश्चर्य इस बात का भी रहा कि कांग्रेस और उसके नेता पिछड़ा वर्ग का वोटबैंक भी संभाले रखने में नाकाम रहे।
भाजपा 54 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल करने में कामयाब रही, लेकिन उसकी जीत के पीछे चतुर रणनीति और बेहतर प्रबंधन की भूमिका भी अहम् रही। दरअसल, भाजपाई व्यूह के दलदल में कांग्रेस के नेता लगातार धंसते चले गए और उन्हें इसका अहसास तक नहीं हो पाया। भाजपा ने उसके लगभग सारे धाकड़ और सलामी बल्लेबाजों को घर बैठा दिया। कांग्रेस जहां अपनी दोबारा ताजपोशी की तैयारियां लगभग पूरी कर चुकी थी, वहीं उसे बहुमत से दूर कर भाजपा ने सत्ता ्पने नाम कर ली। संक्षिप्त में कुछ कारणों की चर्चा की जा सकती है, जिसने भाजपा को ऐतिहासिक जीत की दहलीज तक पहुंचाया।
संगठन की रणनीति
छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत का सबसे बड़ा श्रेय बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह और ओम माथुर की रणनीति है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद बीजेपी का संगठन एक्टिव हो गया था। अमित शाह लगातार दौर कर बैठक और मीटिंग कर रहे थे। अमित शाह हर विधानसभा सीट की व्यक्तिगत रिपोर्ट ले रहे थे।
पीएम मोदी का चेहरा
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने किसी भी नेता का चेहरा घोषित नहीं किया था। पार्टी कार्यकर्ताओं को केन्द्र सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने की बात कही गई थी। इसका फीडबैक भी लिया जा रहा था। पार्टी ने नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा था। पार्टी ने कई सीनियर नेताओं को टिकट देकर इस बात का संशय और बढ़ा दिया की सीएम कौन होगा।
महतारी वंदन योजना
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में महिला वोटर्स को साधन के लिए बीजेपी ने महतारी वंदन योजना की घोषणा की। महतारी वंदन योजना के तहत प्रदेश की सभी विवाहित महिलाओं को एक हजार रुपए हर महीने देने का वादा किया। कांग्रेस ने भी इस योजना की काट निकालने के लिए 15 हजार रुपए सलाना देने की घोषणा की, लेकिन बीजेपी की तरह कांग्रेस इस योजना को प्रसारित नहीं कर पाई।
धान किसानों को बोनस
छत्तीसगढ़ में चुनाव का सबसे बड़ा फैक्टर होता है धान किसान। धान किसान को साधने के लिए बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि राज्य में धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपए एक मुश्त दिया जाएगा। इसके साथ ही धान किसान को बड़ी राहत देते हुए किसानों को दो साल का बोनस देने की घोषणा की। जिसके बाद कांग्रेस ने कर्जमाफी और 3200 रुपए में धान खरीदने का वादा किया लेकिन किसानों ने बीजेपी की बातों पर भरोसा किया।
गुटबाजी को वक्त पर खत्म किया
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बीजेपी में गुटबाजी सामने आई लेकिन बीजेपी ने समय के साथ इस गुटबाजी को खत्म कर लिया। पार्टी ने अपने नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया। राज्य संगठन को काम के लिए फ्री हैंड दिया और समय-समय पर उसकी मॉनिटरिंग करते रहे।