डॉ. सुजाता दास की बच्चों पर केन्द्रित कृति ‘करारी सतरंगी जलेबी’ का विमोचन सम्पन्न


भिलाई। इस्पात नगरी भिलाई में पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ स्व. एन.सी.दास की सुपुत्री डॉ. सुजाता दास की बच्चों पर केन्द्रित कृति ‘करारी सतरंगी जलेबी’ का विमोचन सिविक सेंटर स्थित आई.सी.ए.आई. भवन,, में एक गरिमामयी समारोह में सम्पन्न हुआ। समारोह पुलिस उपमहानिरीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग रामगोपाल गर्ग के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। कार्यकम की अध्यक्षता आचार्य रमेंद्रनाथ मिश्र, वरिष्ठ इतिहासकार, रायपुर ने की। कार्यकम में विशिष्ट अतिथि के रूप में गिरिश पंकज वरिष्ठ साहित्यकार रायपुर, आथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के नागपुर चैप्टर के संयोजक, रंगकर्मी व संपादक नरेन्द्र सिंह परिहार, अति. पुलिस अधीक्षक शहर अभिषेक झा, संगीत कला जगत के विद्वान रविशचंद्र कालगाँवकर व क्षेत्र के प्रख्यात सी.ए. प्रदीप पाल मंचासीन रहे।

अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती को माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलन करने पश्चात् डॉ. सुजाता दास द्वारा माँ शारदे की भावपूर्ण सुमधुर वंदना प्रस्तुत की गई। तत्पश्चात् अतिथियों का स्वागत बच्चों द्वारा गुलाब के पुष्प भेंट कर किया गया। कृति का विमोचन बिल्कुल नये ढंग से पट अनावरण कर किया गया। कृति की रचनाकार डॉ. सुजाता दास ने कृति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ये कृति डायमंड पब्लिकेशन, दिल्ली से प्रकाशित बच्चों पर केन्द्रित रंगीन काव्य कृति है। प्रत्येक कविता के माध्यम से कुछ संदेश देने का प्रयास किया गया है। इसे सभी को पढऩा चाहिए। कृति के लिये चित्रांकन भी कवियत्री द्वारा ही किया गया है। ध्यातव्य है कि यह डॉ. सुजाता दास कि तीसरी कृति है। इसके पूर्व इतिहास आधारित दो कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं।

उपस्थित मुख्य अतिथि रामगोपाल गर्ग द्वारा डॉ. सुजाता दास जो कि पुलिस अधिकारी भी हैं की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा गया कि मैंने सोचा नहीं था कि विभाग में ऐसा भी कोई होगा जो इस प्रकार से सृजन कार्य में जुटा होगा। कार्यक्रम में उपस्थित समस्त विशिष्ट अतिथियों एवं अध्यक्ष द्वारा सम्पूर्ण आयोजन को उत्कृष्ट व सफल आयोजन बताते हुए ‘करारी सतरंगी जलेबीÓ को उत्कृष्ट करार दिया। कार्यक्रम में डॉ. सुजाता दास की ही कृति की 02 कविताओं को क्षेत्र के संगीत शास्त्री रवीशचंद्र कालगाँवकर द्वारा संगीतबद्ध किया गया जिसकी सुमधुर प्रस्तुति उनके शिष्यों द्वारा दी गई। जिसकी सभी ने तालियों की गडग़ड़ाहट से तारिफ की।

कार्यकम को यादगार बनाने के लिये उपस्थित सम्मानित अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कवियत्री के बड़े भाई संतोष दास जो बैलाडिला, दंतेवाड़ा से उपस्थित हुए थे, कृति के चित्र निर्माण के लिये उन्होंने ही डॉ0 सुजाता दास को प्रेरित किया था । अत: उनका सम्मान शॉल और बुके प्रदान कर मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग और बच्चे उपस्थित रहे।