नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक अचानक रद्द कर भाजपा के प्रभारी दिल्ली रवाना


भिलाई। पूर्ण बहुमत आने के साथ ही भाजपा में नई सरकार गठन को लेकर कवायद शुरू हो गई है। रविवार दोपहर तक भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलता देख सीनियर नेता रायपुर पहुंचे थे। आज नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक भी होनी थी, लेकिन इस बैठक को अचानक रद्द कर भाजपा के वरिष्ठ नेता दिल्ली लौट गए हैं। हालांकि बैठक रद्द करने की वजह फिलहाल सामने नहीं आई है। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर सारी कवायद दिल्ली से होनी है, ऐसे में रायपुर में विधायकों की बैठक लेने का कोई औचित्य नहीं है। रविवार को भाजपा के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी नितिन नवीन राजधानी आए थे। इन्हीं तीनों नेताओं को विधायकों की बैठक भी लेनी थी।

नई सरकार के लिए भाजपा के सीनियर नेता चेहरे तय करने में जुट गए हैं। रविवार को नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक लेने के लिए कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में आज सोमवार 11 बजे का वक्त तय किया गया था, लेकिन ऐन वक्त पर इस बैठक को रद्द कर दिया गया। आज सुबह तक कई विधायक रायपुर पहुंच चुके थे। उन्हें अपने-अपने क्षेत्र में लौटने को कह दिया गया है। इधर, नए मुख्यमंत्री को लेकर कयास शुरू हो गए हैं। पार्टी के भीतर ही पिछड़ा वर्ग और आदिवासी चेहरों को लेकर चर्चाएं चल रही है। हालांकि संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी आलाकमान मिशन 2024 के हिसाब से ही सीएम का चेहरा तय करेगा। पार्टी ने 5 साल बाद सत्ता में वापसी की है, लेकिन संभावना है कि इस बार उसका चेहरा और कामकाज का तरीका अलग हो सकता है। इससे पहले तय किया गया था कि पार्टी नेता सभी विधायकों से फेस टू फेस बात करेंगे और उनका मानस टटोलेंगे। यह भी संभावना जताई जा रही थी कि इस बैठक में मुख्यमंत्री का नाम भी तय हो सकता है। अचानक बैठक रद्द करने और भाजपा नेताओं के दिल्ली लौटने को लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

कौन होंगे वे 13 चेहरे?
छत्तीसगढ़ में भाजपा की नई सरकार के मुखिया और उसके 12 मंत्रियों को लेकर जनता में उत्सुकता बढ़ गई है। राज्य में मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर अभी संशय है क्योंकि भाजपा ने इस बार मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए बिना ही चुनाव लड़ा था। ऐसे में भाजपा की इस जीत को लेकर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष अरुण साव को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। वे अन्य पिछड़ा वर्ग समाज (ओबीसी) का बड़ा चेहरा हैं। साथ ही छत्तीसगढिय़ा छवि के लिए भी जाने जाते हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को भी भाजपा को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा, क्योंकि भाजपा ने रमन सरकार के 15 वर्ष के कार्यकाल के विकास कार्यों को ही इस चुनाव में भी अपना विकास रूपी मुद्दा बनाया था। प्रदेश में आदिवासी चेहरा की भी मांग उठती रही है। ऐसे में सरगुजा संभाग से पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और महिला मुख्यमंत्री के रूप में बस्तर से भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लता उसेंडी भी मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार हैं।

चौधरी का नाम भी सुर्खियों में
वहीं, इस चुनाव में यूथ आइकान रहे और ओबीसी के युवा व सशक्त चेहरे के रूप में ओपी चौधरी का नाम आगे रहा है। वह भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बताए जा रहे हैं। इनमें से किसी एक को उपमुख्यमंत्री भी बनाया जा सकता है। पार्टी सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर विधायक दल की बैठक में सहमति मिलते ही सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी जाएगी। भाजपा जल्द से जल्द अपने नए सीएम की ताजपोशी चाहती है। प्रदेश में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर केंद्रीय नेताओं द्वारा दिए गए बयानों को गौर करें तो ओपी चौधरी को लेकर चर्चा सरगर्म है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बिलासपुर में कहा था कि इस बार गरीब मां का लाल मुख्यमंत्री बनेगा। भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने मीडिया से चर्चा में कल्पनाओं से विपरीत एक नया चेहरा आने की बात कही थी। गृहमंत्री अमित शाह ने भी रायगढ़ की सभा में पूर्व आइएएस ओपी चौधरी को बड़ा आदमी बनाने की बात कही थी।

इनमें से हो सकते हैं नई सरकार के मंत्री
नई सरकार के मंत्री के प्रबल दावेदारों में बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, केदार कश्यप, राजेश मूणत, विक्रम उसेंडी, भैयालाल राजवाड़े, पुन्नूलाल मोहिले, रेणुका सिंह, दयालदास बघेल, गोमती साय, विजय शर्मा का नाम शामिल है। विजय शर्मा ने कवर्धा में मोहम्मद अकबर को करारी शिकस्त दी है, जो कांग्रेस पार्टी के बड़े मुस्लिम चेहरे थे। सत्ता संतुलन के लिहाज से भाजपा आदिवासी, सतनामी, ओबीसी और सामान्य वर्ग के बीच सामंजस्य बिठाने की कोशिश कर सकती है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की है। बीजेपी ने 5 साल के बाद फिर से वापसी की है। इस जीत के जश्न के रूप में और भावी कार्ययोजना तैयार करने के लिए ही नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई गई थी, जिसे स्थगित किया गया है।

5 साल भ्रष्टाचार में लिप्त रही कांग्रेस- रमन
कांग्रेस की हार को लेकर पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह का बयान आया है। उन्होने कहा कि कांग्रेस 5 साल तक भ्रष्टाचार में लिप्त रही, जिसके आतंक से जनता मुक्त होना चाहती थी। उन्होने कहा कि प्रदेश की जनता भूपेश के चेहरे को हटाना चाहती थी। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ का शोषण किया है। जनता ने बस्तर से सरगुजा तक सब कुछ बदल कर दिखा दिया है। डॉ. रमन ने कहा कि जनता ने भूपेश के चेहरे को बदलने के लिए सारे मंत्रियों को हटा दिया। यहां तक कि उपमुख्यमंत्री को भी हरा दिया। खुद मुख्यमंत्री बाल-बाल बचे हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि ‘अब नहीं सहिबो बदल के रहिबोÓ प्रधानमंत्री ने एक बार कहा और गांव-गांव का बच्चा-बच्चा इसे दोहराता रहा। छत्तीसगढ़ में नया सवेरा आएगा, खुशहाली के साथ विकास होगा।