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भिलाई । रविवार को छत्तीसगढ़ समेत 4 राज्यों में होने वाली मतगणना को लेकर राजनीतिक दल पुख्ता रणनीति बनाने में जुट गए हैं। निर्वाचन आयोग ने मिजोरम में मतगणना का काम एक दिन के लिए टाल दिया है। छत्तीसगढ़ में दोनों दलों कांग्रेस व भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा किया है। बावजूद इसके इन दलों के अगुवा बेहद चौकन्ना हैं। खासतौर पर भाजपा के कथित आपरेशन लोटस को लेकर कांग्रेस में खासी हलचल है। वह अपने भावी विधायकों को सहेजने में जुटी हुई है। स्पष्ट हिदायत है कि जीत का सर्टिफिकेट लेने के बाद सभी विधायकों को तत्काल रायपुर पहुंचना है। वहीं भाजपा ने भी आंतरिक तौर पर तैयारियां ते•ा कर दी है। कांग्रेस की राजधानी रायपुर स्थित राजीव भवन में शुक्रवार रात्रि बैठक हुई तो वहीं भाजपा ने दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक की है। बताते हैं कि भाजपा की नजर उन क्षेत्रों पर है, जहां से दीगर प्रत्याशी 1 से 5 सीटें जीत सकते हैं।
छत्तीसगढ़ के एक्जिट पोल के नतीजों को कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दलों ने नकार दिया है। कांग्रेस को इस पोल में बहुमत मिलते बताया गया है। जबकि भाजपा भी बहुमत के आसपास है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस का मानना है कि कांग्रेस एक्जिट पोल के नतीजों से बेहतर सीटें लेकर आएगी। वहीं भाजपा ने भी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा किया है। इन दावों-प्रतिदावों के बीच मतगणना से ठीक पहले दोनों ही दलों ने गुणा-भाग लगाया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्रभारी कुमारी सैलजा ने शुक्रवार की रात कोर कमेटी की बैठक लेकर मतगणना और उसके बाद के हालातों पर मंथन किया। इस बैठक में सीएम भूपेश बघेल के अलावा पीसीसी चीफ दीपक बैज, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू शामिल हुए। नतीजों को लेकर सभी एकराय थे कि कांग्रेस एक बार फिर से राज्य में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। फिलहाल कांग्रेस की इस अहम् बैठक की पूर्ण जानकारी तो सामने नहीं आई है, लेकिन अपुष्ट सूत्र बताते हैं कि यह बैठक पूरी तरह से इस पर केन्द्रित रही कि मतगणना के बाद पार्टी को क्या और कैसे करना है।
सैलजा-भूपेश ने किया मंथन, कहा- बनाएंगे सरकार
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने दावा किया कि राज्य में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिल रहा है और यहां एक बार फिर पार्टी की सरकार बनेगी। मीडिया से चर्चा करते हुए सैैलजा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हम बहुमत से सरकार बना रहे हैं। कांग्रेस पार्टी को एग्जिट पोल से भी ज्यादा सीटें मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन लोटस को लेकर कहा कि यहां भारतीय जनता पार्टी की कोशिश सफल नहीं हो पाएगी क्योंकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही है। मुख्यमंत्री कौन होगा के सवाल पर उन्होंने हाई कमान पर फैसला करने की बात कही है। गौरतलब है कि कोर कमेटी की इस बैठक से पहले और बाद में भी सभी नेता जीत के प्रति आश्वस्त नजर आए। बैठक में संगठन स्तर पर प्राप्त रिपोर्ट और प्रत्याशियों से हुई चर्चा के हवाले से जीत की बातें कही गई।
भाजपा का दावा,-आपरेशन लोटस की जरूरत नहीं है, मिलेगा बहुमत
इधर, मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने भी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा किया है। उसके नेताओं ने साफ तौर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में आपरेशन लोटस की जरूरत नहीं है, क्योंकि पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आ रही है। चुनाव परिणाम से पहले एग्जिट पोल जारी होने के बाद दिल्ली में बैठकर केंद्रीय मंत्री अमित शाह, मंत्री मनसुख मांडविया, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और अन्य राष्ट्रीय नेताओं ने छत्तीसगढ़ के नतीजों पर मंथन किया। बैठक में निर्णय लिया गया कि मतगणना के बाद नतीजे को देखकर यह तय किया जाएगा कि क्या करना है। हालांकि पार्टी ने इस बात पर भरोसा जताया है कि उनकी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ बन रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा फिलहाल अपने विधायकों को कहीं भी ले जाने की योजना नहीं बना रही है। इस बीच ऐसा माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के सह प्रभारी नितिन नवीन आज रात तक रायपुर पहुंच सकते हैं।
रविवार को सामने आएगा मतदाताओं का फैसला
राज्य में दो चरणों में 7 और 17 नवम्बर को मतदान सम्पन्न हुआ था। उसके बाद से ही सरकार बनाने को लेकर कयासों का दौर जारी है। दोनों ही दल मतदान के बाद से ही सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त रहे हैं। कांग्रेस की निश्चिंतता का आलम तो यह रहा कि सीएम भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस के प्रत्याशियों ने भारत-आस्ट्रेलिया मैच का लुत्फ उठाया। हालांकि मणिपुर में चुनाव सम्पन्न होने के बाद आए एक्जिट पोल ने दोनों दलों को चिंता में डाल दिया है। बावजूद इसके कांग्रेस व भाजपा अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। कल यानी रविवार को मतदाताओं का फैसला सामने आ जाएगा। इसके बाद राज्य में नई सरकार की तस्वीर भी पूरी तरह से साफ होगी। फिलहाल कांग्रेस को जहां खुराफात का डर सता रहा है, वहीं भाजपा की नजर भी कमजोर कडिय़ों पर है। दोनों दलों ने अपने-अपने स्तर पर चुनावी मंथन किया है और रणनीति भी बना ली है।