महादेव सट्टा एप: इंटरपोल के नोटिस के बाद रवि उप्पल पुलिस की गिरफ्त में, छत्तीसगढ़ की 508 करोड़ भी सूर्खियों में, भारत प्रत्यर्पण की कोशिश में ईडी


नई दिल्ली (एजेंसी)। अवैध सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी रवि उप्पल को दुबई में हिरासत में लिया गया है। करोड़ों रुपये के इस घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) महादेव एप के मालिक रवि उप्पल को भारत प्रत्यर्पित कराने के प्रयास कर रही है। रिपोट्र्स के अनुसार, रवि उप्पल महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी एप के दो मुख्य मालिकों में से एक है। ईडी के आदेश पर रवि के खिलाफ इंटरपोल ने रेड नोटिस जारी किया था। इसी आधार पर दुबई पुलिस ने रवि को हिरासत में लिया है।

छत्तीसगढ़ और मुंबई पुलिस के साथ ईडी की जांच
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया, 43 वर्षीय रवि उप्पल को पिछले हफ्ते ही हिरासत में लिया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी रवि उप्पल को भारत प्रत्यर्पित कराने के लिए दुबई के अधिकारियों के संपर्क में हैं। उप्पल के खिलाफ दर्ज मामले की जांच ईडी के अलावा छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ-साथ मुंबई पुलिस भी कर रही है।

पीएमएलए के तहत दर्ज है मामला
इस कथित अवैध सट्टेबाजी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने अक्तूबर में छत्तीसगढ़ के रायपुर में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था। एक विशेष अदालत के समक्ष उप्पल और महादेव एप एक अन्य प्रमोटर, सौरभ चंद्राकर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग आरोप पत्र दायर किया था।

रवि उप्पल के पास वानुअतु का पासपोर्ट, भारत की नागरिकता सरेंडर नहीं
बाद में ईडी के अनुरोध के आधार पर इंटरपोल ने रेड नोटिस जारी किया। ईडी ने आरोप पत्र में अदालत को बताया था कि उप्पल ने प्रशांत महासागर में एक द्वीप देश- वानुअतु का पासपोर्ट लिया है। हालांकि, उसने भारत की नागरिकता नहीं छोड़ी है। ईडी के अनुसार उप्पल की आमदनी आपराधिक है। इसके साथ वह करोड़ों रुपये छिपाने में भी शामिल है।

संयुक्त अरब अमीरात में मुख्यालय
खबरों के अनुसार, महादेव ऑनलाइन बुक सट्टेबाजी एप्लिकेशन प्रमुख सिंडिकेट है। इसकी मदद से अवैध सट्टेबाजी वेबसाइट्स संचालित की जाती हैं। महादेव एप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का बंदोबस्त करता है। कंपनी के प्रमोटर छत्तीसगढ़ के भिलाई से हैं। मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के मुताबिक महादेव ऑनलाइन बुक एप का संचालन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से किया गया, जो इसका केंद्रीय प्रधान कार्यालय है। एप मालिक और सट्टेबाजी में संलिप्त लोग सहयोगियों को 70-30 प्रतिशत लाभ अनुपात पर पैनल/शाखाओं की फ्रेंचाइजी देते थे।

लुभावने विज्ञापन पर करोड़ों रुपये लुटाए
ईडी का आरोप है कि इस कथित घोटाले में सट्टेबाजी की आय विदेशी खातों में भेजने के लिए बड़े पैमाने पर हवाला ऑपरेशन किया जाता है। बड़ी कमाई और लुभावने फायदों की तरफ नए लोगों को आकर्षित करने के लिए सट्टेबाजी वेबसाइटों का विज्ञापन भी किया गया। ईडी ने एड के लिए भारत में बड़े पैमाने पर नकदी खर्च किए जाने के आरोप भी लगाए हैं।

लगभग छह हजार करोड़ रुपये का मामला
उप्पल के खिलाफ दायर ईडी के आरोप पत्र के अनुसार, महादेव सट्टेबाजी एप मामले में अनुमानित आपराधिक आय लगभग 6,000 करोड़ रुपये है। सहायक पुलिस उपनिरीक्षक ‘चंद्रभूषण वर्मा’ समेत कुछ अन्य लोगों के माध्यम से रिश्वत के पैसे पहुंचाने की देखरेख का आरोप भी लगा है। आरोप है कि पैसे छत्तीसगढ़ के नौकरशाहों और राजनेताओं को भेजे गए। इस मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल का नाम भी सामने आया। हालांकि, उन्होंने इसे केंद्रीय एजेंसी का दुरुपयोग बताते हुए मामले में निष्पक्ष जांच की अपील की है।

विधानसभा चुनाव से पहले भूपेश बघेल और 508 करोड़ भी सुर्खियों में
बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान 508 करोड़ रुपये के भुगतान की बात सुर्खियों में आई थी। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भूमिका भी ईडी के रडार पर है। ईडी का दावा है कि फोरेंसिक विश्लेषण और असीम दास नामक ‘कैश कूरियर’ की गवाही महादेव सट्टेबाजी एप के प्रमोटरों और लाभार्थियों पर शिकंजा कसने में अहम साबित होगी। हालांकि, बाद में रायपुर की विशेष अदालत में पेशी के समय असीम दास ने ‘साजिश के तहत फंसाने’ का आरोप लगाया। उन्होंने राजनेताओं को नकदी पहुंचाने के आरोपों से साफ इनकार कर दिया।