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दुर्ग। कृषि एवं किसान कल्याण, मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार विभिन्न केन्द्र परिवर्तित योजनाओं के आवरण में हितग्राहियों को सम्मिलित करने एवं जागरूकता लाने के उद्देश्य से ”विकसित भारत संकल्प यात्राÓÓ कार्यक्रम का जिले में क्रियान्वयन किया जा रहा है।
शासन के निर्देशानुसार जिले के कृषकों को विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों से लाभान्वित किये जाने के साथ-साथ नैनो उर्वरक का विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम के दौरान कृषकों के प्रक्षेत्रों पर ड्रोन के उपयोग से प्रायोगिक प्रदर्शन आयोजित कर नैनो उर्वरक का उपयोग कराकर कृषकों के मध्य व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाना है।
इसी अनुक्रम में दिनांक 29 दिसंबर को ग्राम-बोरई, वि.ख.-दुर्ग में ड्रोन के माध्यम से गेंहू फसल में नैनो यूरिया एवं डी.ए.पी. का छिड़काव जीवंत प्रदर्शन आयोजित कर कृषकों के मध्य व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया है। उक्त कार्यक्रम में एस.के.थापक, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र अंजोरा, ओ.पी.भट्ट, कृषि विकास अधिकारी, व्ही.सजिल, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, वि.ख.-दुर्ग, श्रीमति भाना बाई जनपद सदस्य, श्रीमति पदमा साहू सरपंच, कृषक झावेन्द्र भूषण, दीपक यादव, लोचन सिन्हा, भोपाल साहू, परमान्द यादव एवं अन्य 30 कृषकगण के साथ-साथ कृषि विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहें।
कृषक झावेन्द्र भूषण द्वारा प्राकृतिक खेती के बारे में नव निर्वाचित विधायक ललित चन्द्राकर के उपस्थिति में विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान ग्राम पंचायत बोरई में कृषकों की आय दुगुनी एवं उत्पाद समर्थन मूल्य बढाये जाने व फसलों में लगने वाली लागत को कम करनें के संबंध में कथन बताया।
कृषक लोचन सिन्हा द्वारा स्वायल हेल्थ कार्ड योजना अंतर्गत उनके खेतों का मिट्टी जांच से उस पर लगने वाली लागत, अच्ची उत्पादकता के लिए क्या-क्या करना चाहिए तथा संतुलित उपज प्राप्त करने के संबंध में बात ही। कृषक तोमन साहू प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित है जिन्होनें योजना के बारे में अपना अनुभव व्यक्त किये।
ललित मोहन भगत, उप संचालक कृषि ने बताया कि अबतक जिले में 161 ग्रामों में शिविर का आयोजन हो चुका है जिसमें 15419 कृषकों को विभिन्न विभागीय योजनाओं के बारें में जानकारी दी गई वही 961 कृषकों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभ का व्याख्यान, 115 कृषक ने प्राकृतिक खेती का व्याख्यान, 91 कृषक स्वायल हेल्थ कार्ड का व्याख्यान कर मेरी कहानी मेरी जुबानी के अंतर्गत अपना अनुभव अन्य कृषकों के समक्ष प्रस्तुत किया है साथ ही मैदानी अधिकारियों को 43 कृषक किसान क्रेडिट कार्ड के आवेदन प्राप्त हुये है।