Additional District and Sessions Court Sakti : आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले पति को 3 वर्ष का कठोर कारावास


Additional District and Sessions Court Sakti :  सक्ती ! अपर जिला एवं सत्र न्यायालय सक्त़ी के एजीपी. ऋषिकेश चौबे से प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतिका नरेस्वरी का विवाह आरोपी सोनू खूंटे निवासी भठोरा थाना मालखरौदा के साथ वर्ष 2017 में सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार हुआ था विवाह के कुछ दिन बाद से ही आरोपी सोनू दहेज में मोटरसाइकिल व नकद रकम के नाम से उसके साथ मारपीट करता था तथा मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया, इसके संबंध में सामाजिक बैठक होने पर पुनः उसे अपने साथ ले गया और पुनः अपने घर में दहेज के नाम से मारपीट कर उसे प्रताड़ित करने लगा जिससे तंग आ कर उसकी पत्नी नरेश्वरी ने दिनांक 11. 6 .2021 को जहर पीकर आत्महत्या कर ली।

Additional District and Sessions Court Sakti : जांच अधिकारी रोशन लाल टोंडे द्वारा छानबीन करने पर आरोपी सोनू द्वारा घटना किया जाना पाए जाने पर उसके विरुद्ध थाना मालखरौदा में अपराध क्रमांक 214/21 धारा 304 बी. भारतीय दंड विधान के तहत प्रथम सूचना पत्र लिखा गया, नक्शा तैयार किया गया, लाश का शव पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम करवाया गया तथा गवाहों का बयान लिया गया एवं आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मालखरौदा के न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया। उपरपण के बाद यह प्रकरण शक्ति के न्यायालय में चला । शासन की ओर से कुल 13 गवाह को न्यायालय में पेश किया गया। आरोपी की ओर से यह बताया गया कि आरोपी निर्दोष है उसे झूठा फसाया गया है। आरोपी ने कोई अपराध नहीं किया है।

दहेज की मांग के लेकर प्रताड़ित नहीं किया है तथा आरोपी को दोष मुक्त किए जाने का निवेदन किया गया। शासन की ओर से यह बताया गया कि आरोपी ने ही दहेज की मांग करते हुए उसे प्रताड़ित किया जिसके कारण से विवाह के 7 वर्ष के भीतर नरेश्वरी की जहर सेवन से मृत्यु हुई हुई है, इसलिए आरोपी को कठोर से कठोर दंड से दंडित करने का निवेदन किया गया। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात विद्वान द्वितीय अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश डॉक्टर ममता भोजवानी ने दिनांक 6.10.2023 को आरोपी सोनू खूंटे को धारा 304 बी भादवि. के अपराध के स्थान पर लघु अपराध धारा 498 ए. भादवि. के अपराध के लिए 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया छ.ग. शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता/ अपर लोक अभियोजक ऋषिकेश चौबे ने पैरवी किया।