Bhilai Breaking : ट्रैफिक रूल तोड़ने वाले अब नहीं दे पाएंगे चकमा, चालान काटने पुलिस करेगी जीपीएस कैमरे का इस्तेमाल


भिलाई। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी व नियम तोड़ने वालों पर सख्ती के लिए दुर्ग यातायात विभाग द्वारा समय समय पर नए प्रयोग किया जाता है। तकनीक के समय में अब ट्रैफिक पुलिस भी चालान काटने अब नया तरीका अपनाने जा रही है। ट्रैफिक रूल तोड़ने तोड़ने वालों का चालान काटने के लिए यातायात पुलिस अब जीपीएस कैमरों का इस्तेमाल करेगी। जीपीएस मैप कैमरे से लिये गये फोटो के आधार पर नोटिस वाहन चालक के घर या वाट्सअप नंबर पर भेजा जाएगा।  

यातायात पुलिस दुर्ग हमेशा से यातायात व्यवस्था बनाने के लिए आधुनिकरण का उपयोग करते आ रही है। इसी कड़ी में अब चालान काटने जीपीएस मैप कैमरा के उपयोग किया जाएगा। जीपीएस कैमसे से चालानी कार्रवाई करने से वाद विवाद की स्थिति निर्मित नहीं होगी एवं पारर्दिर्शता बने रहेगी। दुर्ग एसपी रामगोपाल गर्ग द्वारा जिले की यातायात व्यवस्था को लेकर निरंतर कार्य किया जा रहा है। एसपी के निर्देश पर ही इस नई व्यवस्था को लागू किया जा रहा है। बता दें अब तक दुर्ग ट्रैफिक विभाग द्वारा नियम तोड़ने वालों पर मेनुआली चालान काटती रही है।

अब तक मेनुअली काटा जाता था चालान
यातायाज डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया कि यातायात पुलिस दुर्ग द्वारा बिना हेलमेट वाहन चलाने वाले, दो पहिया वाहन में तीन सवारी, नाबालिक द्वारा वाहन चालन, मोडिफाईड सायलेंसर, गलत नंबर प्लेट, माल वाहक में सवारी ले जाना ऐसे वाहन चालकों का जीपीएस मैप कैमरा के माध्यम से फोटो खीचकर वाहन मालिक को नोटिस जारी किया जाएगा। चालान मिलने के तीन दिन के भीतर वाहन मालिक को नेहरू नगर यातायात मुख्यालय आकर उक्त संबंध में अपना पक्ष रख कर चालान का भुगतान करना होगा। जो मामले मुख्यालय से नहीं सुलझेंगे उसे कोर्ट से सुलझाया जाएगा।  

जीपीएस से चालान भेजने के यह हैं लाभ

  • जीपीएस कैमरा से फोटो लेने पर फोटो में लोकेशन, दिनांक, समय, वाहन नंबर एवं वाहन चालक द्वारा कौन से यातायात नियम का उल्लंघन किया है क्लीयर हो जाता है।
  • वाहन चालक को कार्यवाही स्थल पर ज्यादा देर रोकने की आवश्यकता नहीं पडती।
  • वाहन नंबर से वाहन मालिक का डिटेल निकालकर घर नोटिस भेजा जाता है।
  • कार्यवाही के दौरान वाहन मालिक मुकर नहीं सकता।
  • जीपीएस मैप कैमरा के उपयोग से कार्यवाही स्थल पर वाद विवाद की स्थिति निर्मित नहीं होगी एवं पारर्दिर्शता बने रहेगी।  
  • पुलिस के सभी स्टाफ़ निरीक्षक से आरक्षक तक सभी उपयोग कर सकते है।