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भिलाई। शहर के नेवई थाना क्षेत्र में ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। शातिर शख्स ने पत्नी व बेटे के साथ मिलकर अपने उद्योगपति भाई के खिलाफ साजिश रची। इस्पात नगर रिसाली निवासी ध्रुवज्योति राय चौधरी को नांदेड महाराष्ट्र में रहने वाले सगे भाई सत्यजीत राय चौधरी ने ऐसा फंसाया कि तीन साल के अंदर 78 लाख रुपए से ज्यादा गंवा बैठा। जब शख्स ने रुपए वापस मांगे तो पहले तो लौटाने का भरोसा दिलाया लेकिन बाद में मुकर गए। इस मामले में पीड़ित ने नेवई थाने में शिकायत भी दर्ज कराई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। यहां तक जिले के एसपी ने भी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद पीड़ित कोर्ट की शरण में गया जहां से जज ने अपराध दर्ज करने का आदेश सुनाया। कोर्ट के आदेश पर नांदेड महाराष्ट्र इस मामले में नेवई पुलिस ने सायन्तन राय चौधरी, सत्यजीत राय चौधरी एवं सुमना रायचौधरी के खिलाफ धारा 420,406 अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
नेवई पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस्पात नगर रिसाली निवासी ध्रुवज्योति राय चौधरी का सोमनी इंडस्ट्रियल एरिया, जिला राजनांदगाँव में उनकी एक छोटी सी औद्योगिक इकाई है जहाँ उद्योगों में काम आने वाली मशीनों एवं कल-पुर्जों का निर्माण किया जाता है। ध्रुवज्योति चौधरी का एक भाई सत्यजीत राय चौधरी अपने परिवार के साथ नांदेड में रहता है। दोनों का एक दूसरे घर आना जाना लगा रहता है। इस बीच सत्यजीत राय चौधरी ने अपने भाई ध्रुव ज्योति को बताया कि उसका बेटा सायन्तन राय चौधरी कम्प्यूटर एवं इन्फार्मेशन टेक्नालाजी आदि के क्षेत्र में पारंगत है तथा बाजार की अडाणी ग्रुप जैसी बड़ी कंपनियों में निवेश के संबंध में उसका ज्ञान काफी अच्छा है। उसने बताया कि बड़े-बड़े लोग सायन्तन रायचौधरी की सलाह लेकर शेयर आदि में अपना पैसा लगाकर करोड़ों कमा रहे थे।
लगातार सत्यजीत द्वारा अपने भाई को बताया जाता रहा कि सायन्तन को अपने साथ रख लो। सगा भतीजा होने के कारण ध्रुव ज्योति ने सायन्तन को अपने साथ रख लिया। 2019 के अंत में सायन्तन इस्पात नगर में ध्रुव ज्योति के घर पर रहने लगा। इसके बाद उसने काम भी शुरू कर दिया। वह सोमनी स्थित फैक्ट्री नियमित रूप से जाता था। कम्प्यूटर एवं इन्फार्मेशन टेक्नालजी के क्षेत्र में इस अभियुक्त का ज्ञान वाकई अद्भुत था। धीर-धीरे उसने शिकायतकर्ता की फर्म के ई-टेण्डरिंग एवं पत्राचार जैसे सभी काम अपने हाथ में ले लिये और अपनी कार्यशैली एवं व्यवहार से सभी को प्रभावित थे।
ध्रुव ज्योति राय धीरे-धीरे उसकी पकड़ में आ गया और बैंक खातों के संचालन की जानकारी भी उसे दे दी। यहां से सायन्तन ने अपना खेल शुरू किया। सबसे पहले उसने अपने लिए ऐपल कंपनी का फोन खरीदा जो 1,17,000 रुपए का था। इसके लिए उसने ध्रुवज्योति के खाते से अपने में रुपए ट्रांसफर कराया। इसके बाद सायन्तन ने काम के लिए नगद राशि की मांग की तो उसने नगद देने में असमर्थता जताई। इसके बाद सायन्तन ने अपनी मां सुमना रायचौधरी खाते में रुपए ट्रांसफर किया। तीन महीने काम करने के बाद कोविड काल शुरू हुआ और उसके बाद सायन्तन ने माता-पिता के साथ रहकर वहीं काम करने का भरोसा दिलाकर नांदेड चला गया।
सायन्तन ने ध्रुवज्याति को भरोसा दिलाया कि उनकी फर्म के नाम से निवेश का समस्त काम ऑनलाईन आसानी से कर लेगा। उसके पास उनके बैंक खातों का पासवार्ड था। नांदेड जाने के बाद सायन्तन ने नियमित रूप से शिकायतकर्ताओं के खातों से पैसा निकालकर अपने खाते में ट्रांसफर करता रहा। ध्रुवज्योति ने अपनी पत्नी बीना रायचौधरी के बैंक खाते से सायन्तन रायचौधरी की मां सुमना रायचौधरी के खातों में भी पैसा ट्रांसफर किया। यही नहीं फर्म में काम के लिए सायन्तन ने 94,500 रुपए व 1,35,000 रुपए कीमत के दो फोन भी खरीदे। इसके अलावा आरटीजीएस व एनईएफटी के माध्यम से भी रुपए ट्रांसफर कराए।
इस तरह सायन्तन व उसके माता-पिता ने अक्टूबर 2020 से लेकर जुलाई 2021 के मध्य ध्रुव ज्योति व उसकी पत्नी के खाते से 76 लाख 544 रुपए व मोबाइल फोन की कीमत मिलाकर कुल 78 लाख 30 हजार 44 रुपए ले लिए। इतना होने के बाद भी ध्रुव ज्योति के बिजनेस में कोई ग्रोत नहीं हुआ और किसी प्रकार कर रिटर्न नहीं मिला। इसके बाद ध्रुव ज्योति ने सायन्तन से रुपए का हिसाब मांगना शुरू किया तो वह गुमराह करने लगा।
एक दिन ध्रुव ज्योति को सायन्तन ने रायपुर एयरपोर्ट बुलाया और कहा कि सारे रुपए उसने माता-पिता पर खर्च कर दिए। बाद में लौटा देगा। इसके बाद उसने ध्रुव ज्योति व उसकी पत्नी से बातचीत करना भी बंद कर दिया। मैसेज का भी जवाब नहीं देता। अंत में उसने रुपए देने से ही मना कर दिया। इस तरह पूरी साजिश के तहत ध्रुव ज्योति को अपने जाल में फंसाकर सायन्तन व उसके माता पिता ने 78 लाख से ज्यादा की ठगी कर ली। इसके बाद ध्रुव ज्योति राय ने नेवई थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई लेकिन कोई कार्रवाई नही हुआ। एसपी से मिलकर भी ध्रुव ज्योति राय ने अपनी आपबीति सुनाई लेकिन वहां से भी उसे निराशा ही हाथ लगी। इसके बाद उसने कोर्ट में परिवाद दायर किया। इसके बाद पूरे दस्तावेज परिक्षण के बाद इसे अपराध माना और नेवई पुलिस को अपराध दर्ज करने का निर्देश दिया। श्रीमती शिवानी सिंह न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग के निर्देश पर नेवई पुलिस ने अपराध दर्ज कर कार्रवाई शुरू की है।