Breaking News : सतबहनिया मंदिर हत्याकांड का खुलासा, पांच माह बाद पकड़ाया कातिल… जानिए क्या है हत्या की वजह


भिलाई। दुर्ग जिले के अंजोरा चौकी के अंतर्गत सतबहनिया मंदिर में पांच माह पहले हुई हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या के बाद पुलिस को आरोपी को शिनाख्त से लेकर उसके कातिल तक पहुंचने में पांच माह से भी ज्यादा का समय लग गया। हालांकि पुलिस को सतबहनिया मंदिर में रहने वाले एक शख्स पर शक था जो कि घटना दिनांक से ही फरार था। सोमवार को वह अपने घर आया था और इस दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली और आरोपी पकड़ा गया। आरोपी ने हत्या की बात मान ली है। इस मामले में अंजोरा चौकी थाना पुलगांव द्वारा आरोपी रामचरण को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया।

बता दें कि यह घटना आज से पांच माह पुरानी है। 30 जुलाई 2023 को सतबहनिया मंदिर रसमड़ा के मंच में अज्ञात पुरूष की लाश मिली थी। 30 से 40 वर्ष के आसपास की उम्र वाले शख्स को किसी ने त्रिशूल से मारकर हत्या की और पहचान छिपाने के लिए उसके सिर पर कंबल डालकर आग लगा दिया। इस मामले में सूचना के बाद पुलिस ने जांच व मौके पर मिले सुबूत के आधार पर 2 अगस्त 2023 को हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी। इस मामले को सुलझाने उच्च अधिकारियों के मार्ग दर्शन में अंजोरा चौकी व पुलगांव थाने की पुलिस पतासाजी में जुट गई।

घटना दिनांक से गायब था मंदिर में रहने वाला शख्स
पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया और गांव के लोगों से पूछताछ शुरू की। इस दौरान पुलिस को पता चला कि मंदिर में रहने वाला रामचरण चंद्राकर घटना दिनांक से ही फरार था। पुलिस को रामचरण पर संदेह हुआ और उसकी तलाश तेज कर दी। लगातार उसके शक्तिनगर स्थित घर में पतासाजी की जाती रही लेकिन वह नहीं मिला। इस बीच 8 जनवरी 2024 यानी सोमवार को वह अपने घर पहुंचा था। मुखबिर द्वारा इसकी सूचना मिलने पुलिस ने घेराबंदी की और घर से रेलवे स्टेशन की ओर जाते रामचरण चंद्राकर को हिरासत में लिया। पुलिस पूछताछ में रामचरण ने बताया कि हत्या उसी ने की। रामचरण ने मृतक का नाम राजू बताया और पुलिस को हत्या की पूरी वजह बताई।

साल्हेकसा व दर्रकसा के बीच हुई थी पहचान
पुलिस को दिए बयान में आरोपी रामचरण ने बताया कि 27 जुलाई 2023 को लोकल ट्रेन से वह साल्हेकसा महाराष्ट्र में उतरकर पटरी पटरी डिब्बा बीनते हुये दर्रकसा की तरफ जा रहा था। इस बीच रेलवे ट्रेक के पास ही उसे एक व्यक्ति मिला। आपस में बातचीत के दौरान उसने अपना नाम राजू बताया। राजू ने अपने आप को बेघर बताते हुए रामचरण से अपने साथ ले जाने कहा। इसके बाद रामचरण उसे सतबहनिया मंदिर रसमड़ा ले आया। मंदिर में कुछ घंटे रूकने के बाद शाम को वह मंदिर से चला गया दूसरे दिन फिर मिला। 28 जुलाई को रात को वह रामचरण के साथ सतबहनिया मंदिर रसमड़ा में रूका सुबह 4 से 5 बजे उठकर चला गया।

मंदिर में शराब व मछली खाने से हुआ था विवाद
इसके बाद तीसरे दिन 30 जुलाई को रामचरण मंदिर में लिपाई के लिए गोबर बिनने चला गया। दोपहर 12 से 1 बजे के बीच वह वापस सतबहनिया मंदिर आया तो राजू एक मोटर सायकल हीरो होंडा स्प्लेंडर से आकर मंदिर में बैठा था। उसने मंदिर में बैठकर मछली खाई और शराब भी पी। यही नहीं उसने बोरे में भरकर रेलवे का सामान चोरी कर लाया। इस पर रामचरण ने उससे कहा कि मंदिर में वह अकेला रहता है और इस प्रकार चोरी का सामान लाने से पुलिस उसे पकड़ लेगी। साथ ही मंदिर में बैठकर मछली खाने व शराब पीने को लेकर भी उसने राजू को फटकार लगाई तो दोनों में विवाद शुरू हो गया।

मंदिर में शुरू कर दी तोड़फोड़
रामचरण ने बताया कि विवाद के दौरान राजू उसे गाल देने लग और मंदिर में भी तोड़फोड़ करने लगा। राजू ने माता रानी के मंदिर के अंदर लगे त्रिशुल को तोड़ दिया तथा मंदिर परिसर में स्थापित शिवलिंग में लिपटे नाग के प्रतिरूप को तोड़ने लगा। मना करने पर भी नहीं मान रहा था। इसके बाद रामचरण ने मंदिर में रखी कल्हाड़ी उठाई और राजू को दौड़ाकर उस पर हमला कर दिया। कुल्हाड़ी उसके सिर पर लगी जिससे वह गिर गया। इसके बाद रामचरण ने टूटे त्रिशूल से राजू पर वार कर दिया। इससे उसकी मौत हो गई। राजू की मौत होने से रामचरण डर गया और उसने मंदिर में रखे अपने कंबल व पेपर मृतक राजू के सिर पर डाल दिया और आग लगाकर भाग गया। इस दौरान उसने कुल्हाड़ी को झाड़ियों में छिपा दिया था।

रायपुर में छिपकर रह रहा था आरोपी
रामचरण ने बताया कि राजू को मारने के बाद वहां से भाग कर रामचरण रसमड़ा रेलवे ट्रेक पर आया। वहां पर एक कोयले से भरी ट्रेन खड़ी थी जिसमें चढ़कर मुढ़ीपार स्टेशन चला गया। मुढ़ीपार से लोकल ट्रेन में बैठक वह रायपुर पहुंचा। राजू के साथ मारपीट के दौरान मेरे बांये पैर में लगी चोट का इलाज कराने मेकाहारा अस्पताल पहुंचा। यहां मेडिकल से दवाई लेकर पट्टी किया बाद रायपुर के चौड़ी गया। जहां से मजदूरी काम मिलने पर काम करता तथा रात को स्टेशन में सोता था। रामचरण ने बताया कि इतने दिन बाद वह अपने घर आया तो देखा कि ताला लगा हुआ है। इस वजह से वह वापस रायपुर जाने निकला था और पुलिस की गिरफ्त में आ गया। पुलिस ने रामचरण की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी बरामद कर लिया।