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छत्तीसगढ़ के अन्नदाताओं ने धान खरीदी को बना दिया ऐतिहासिक
रायपुर ( न्यूज़)। छत्तीसगढ़ में मोदी की गारंटी का असर दिखने लगा है। प्रदेश में किसानों ने रिकार्ड धान बेचकर धान खरीदी को ऐतिहासिक बना दिया है। 23 साल के इतिहास में पहली बार रिकार्ड तोड़ धान की खरीदी की गई है। राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने अब तक 111.75 लाख टन धान खरीदा है, जबकि धान खरीदी के लिए अभी 13 दिन का वक्त बाकी है। किसानों के खाते में 23,448 करोड़ रूपए का भुगतान हो चुका है। प्रदेश की साय सरकार का दावा है कि पीएम मोदी की गारंटी को पूरा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अनुरूप 3,100 रुपये प्रति क्विंटल और 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी के निर्णय से किसानों में उत्साह है। खरीफ वर्ष 2023-24 में 130 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य है, जो कि पूरा होने की कगार पर है। प्रदेश में बीते एक नवंबर से समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी हो रही है, जो 31 जनवरी तक चलेगी।
सीएम साय के निर्देश पर बहुत जल्द ही किसानों धान खरीदी की अंतर की राशि का भुगतान किया जाएगा। बता दें कि किसानों ने साल 2021-23 में 107 लाख मीट्रिक टन धान बेची थी। छत्तीसगढ़ में मोदी की गारंटी के साथ ही प्रदेश के सीएम विष्णु देव साय के निर्देशानुसार प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान विक्रय का लाभ उन किसानों को मिलेगा जिन किसान पूर्व में प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की बिक्री कर चुके हैं। ऐसे किसान 1 क्विंटल के अंतर का धान खरीदी की अंतिम तिथि तक धान बेच सकेंगे। इसके साथ ही प्रदेश के किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है।
प्रदेश में हो रही किसानों से धान खरीदी के अनुसार दो दिन पहले तक राज्य में समर्थन मूल्य पर 20 लाख 49 हजार 472 किसानों से 108 लाख 6 हजार 659 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी थी। हालांकि अब यह आंकड़ा 111.75 लाख टन तक पहुं चुका है। खरीदी के बाद राज्य सरकार के द्वारा किसानों का खरीदी की राशि का 23 हजार 448 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों के खाते में भेजा जा चुका है। इसके साथ ही खरीदी केंद्र से धान का लगातार उठाव भी शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने साल 2023-24 में 130 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा का लक्ष्य रखा है। 31 जनवरी तक प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा धान की खरीदी की जाएगी। माना जा रहा है तय तिथि तक राज्य सरकार धान खरीदी के टार्गेट को पूरा कर लेगी।
किसानों की बल्ले बल्ले
धान खरीदी के साथ कस्टम मिलिंग के लिए निरंतर धान का उठाव भी किया जा रहा है। अब तक 92 लाख 5 हजार 247 टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है। मिलरों ने 71 लाख 87 हजार 338 टन धान का उठाव किया है। राज्य सरकार की ओर से इस वर्ष किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान की खरीदी हो रही है। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल कामन धान की 2040 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य की दर से किए जाने के साथ ही उन्हें प्रति एकड़ 9000 रुपये की इनपुट सब्सिडी दी गई थी, जिसे मिलाकर अधिकतम 39,600 रुपये का भुगतान होता था। इस वर्ष 21 क्विंटल धान की खरीदी 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होने से किसानों को प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान बेचने पर 65,100 रुपये मिलेंगे। इस वर्ष धान बेचने पर किसानों को गत वर्ष की तुलना में 25,500 रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा। हालांकि, 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी करने के लिए विष्णुदेव साय सरकार की ओर से आदेश जारी नहीं हुआ है। कुछ दिन पहले सरकार की ओर से कहा गया था कि यह लाभ भी जल्द ही मिलेगा।
31 सौ प्रति क्विंटल में खरीदी
किसानों से धान खरीदी 3100 रुपये प्रति क्विंटल में हो रही है। प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है, जिसकी वजह से किसान लगातार धान बेच रहे हैं। अब तक किसानों की तरफ से रिकॉर्ड धान बेचा गया है। छत्तीसगढ़ के अन्नदाताओं ने धान खरीदी के मामले में बीते कई सालों के सारे रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। बंपर खरीदी के हालात तब हैं जब धान खरीदी में कुल 13 दिन का समय और बचा है। गौरतलब है कि सरकार ने धान खरीदी को लेकर साल 2023-24 में 130 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा है। अब तक किसानों से सरकार ने 111.75 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की है। धान खरीदी में कुल 23,448 करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। सीएम विष्णुदेव साय ने ऐलान किया था कि हम किसानों से नए दर पर खरीदी करेंगे, जो मोदी की गारंटी के तहत पहले घोषित थी। इधर, कस्टम मिलिंग के तहत भी धान का उठाव जारी है। अब तक 92 लाख 5 हजार 247 मीट्रिक टन का उठाव हो गया है। मिलर्स ने भी 71 लाख 87 हजार 338 मीट्रिक टन धान का उठाव करने का काम किया है।