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नई दिल्ली। एक फरवरी को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल अंतरिम बजट पेश किया जाना है। अंतरिम बजट से पहले भारत सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है। भारत सरकार ने मोबाइल फोन के प्रोडक्शन में इस्तेमाल होने वाले कंपोनेंट्स-पार्ट्स पर आयात शुल्क में कटौती की है। मोबाइल पार्ट्स पर अब आयात शुल्क 15 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। भारत सरकार की यह घोषणा मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है।
इस संबंध में सरकार की ओर से कहा गया है कि सिम सॉकेट, मेटल पार्ट्स, सेलुलर मॉड्यूल और अन्य मैकेनिकल आईटम पर आयात शुल्क अब 5 फीसदी कम लगेगा। मिडिल कवर, मेन लेंस, बैक कवर, जीएसएम एंटीना, पीयू केस, सीलींग गास्केट, सिम सॉकेट, स्क्रू और अन्य प्लास्टिक और मेटल मैटेरियल पर भी आयात शुल्क कम किया गया है। इससे मोबाइल फोन निर्माण की कास्ट घटेगी और कंपनियां अपने मोबाइल फोन के दाम घटाएंगे।
सरकार के इस फैसले पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की प्रतिक्रिया भी आई है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर सरकार का आभार जताया। उन्होंने कहा कि आयात शुल्क में रियायत देने का सरकार का फैसला सीमा शुल्क प्रक्रियाओं में बहुत जरूरी निश्चितता और स्पष्टता लाता है। मैं मोबाइल फोन विनिर्माण को मजबूत करने की दिशा में इस कदम के लिए माननीय प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को धन्यवाद देता हूं।
प्रोडक्शन कंपनियां होंगी खुश
सरकार के इस फैसले से भारत में अपने फोन का प्रोडक्शन कर रहीं कंपनियां काफी खुश होंगी, क्योंकि कच्चे माल के आयात में उन्हें अब कम टैक्स देना होगा। इसका असर मोबाइल फोन की कीमतों पर भी देखने को मिलेगा। सरकार के इस फैसले से मोबाइल फोन सस्ते होंगे। कुछ दिन पहले ही ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्टफोन बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी को कम किया जा सकता है। रिसर्चर्स के मुताबिक सरकार के इस कदम से मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा।