मुंबई से झारसुगुडा तक बिछेगी गैस पाइपलाइल, दुर्ग के 21 गांवों से होकर गुजरेगी, धमधा ब्लॉक के किसानों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन


दुर्ग। गेल (इंड़िया) लिमिटेड द्वारा मुंबई नागपुर झारसुगड़ा गैस पाइपलाइन परियोजना हेतु दुर्ग जिले के 21 गांव में गैस पाइपलाइन बिछाने की योजना चल रही है l जिसमें 21 प्रभावित गांव के 881 किसानो की खेती की जमीन इस पाइपलाइन से प्रभावित हो रही है। किसानों को यह जानकारी एक समाचार पत्र के उद्घोषणा से मिली। इसके बाद किसानो ने एसडीएम के समक्ष आपत्ति जताते हुए ज्ञापन सौंपा है।

ग्राम बोड़ेगांव के किसान रवि प्रकाश ताम्रकार ने बताया कि गेल (इंड़िया) लिमिटेड द्वारा ग्राम नवागांव प.ह.न.06 तहसील बोरी स्थित भूमि खसरा नंबर 1269/2 रकबा 0.3040 हेक्टेयर भूमि का औद्योगिक प्रयोजन हेतु व्यपवर्तन हेतु आवेदन किया गया है उक्त संदर्भित भूमि पर दावा आपत्ति आमंत्रित की गई थी आज बड़ी संख्या में किसान एस.डी.एम कार्यालय धमधा पहुँचे और सबने दावा आपत्ति दर्ज कर गेल (इंडिया) द्वारा व्यपवर्तन हेतु किये गए आवेदन को निरस्त करने की माँग की है साथ ही जनपद पंचायत धमधा के कृषि समिति के सभापति धनराज बंजारे जी को भी ज्ञापन देकर अवगत कराया गया कि गेल(इंडिया) के कर्मचारी गाँव में सहमति पत्र ले कर आते है और प्रभावित किसान को देते है जिसमे किसान का नाम, खसरा नंबर और रक़बा लिखा होता है  परंतु मुआवज़े की जगह को ख़ाली छोड़ देते है और इस तरह फर्जी तरीक़े से किसानों को धोके में रखकर हस्ताक्षर करवा रहे है । किसानो की बातो को सुनकर सभापति श्री दह्न्राज बंजारे ने भी इस विषय को गंभीरता से लेते हुए कहा कि उक्त मामले में किसानो के हितो को ध्यान में रखते हुए जांच करने की बात कही l

सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पटेल का आरोप है कि गेल (इंडिया) द्वारा धमधा तहसील अन्तर्गत आने वाले ग्राम हिर्री, खर्रा, नवागाँव,डोमा और पथरिया में कई महीनों पहले ही पाइपलाइन बिछाई दी गई है लेकिन आज दिनांक तक कई किसानों मुआवज़ा नहीं दिया गया । इस पाइपलाइन परियोजना के संबंध में गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा कई गाँव में प्रभावित किसानों को पेट्रोलियम और खनिज पाइपलाइन (भूमि में उपयोग के अधिकार का अर्जन) अधिनियम 1962 धारा 10(1) के तहत मुआवजे से संबधित लिखित सूचना पत्र नहीं दिया जा रहा है।

स्थानीय किसान सनत साहू  ने बताया कि ग्राम बागडूमर और अहेरी में मुआवज़ा हेतु बिना लिखित सूचना पत्र दिए ही किसानों से सहमति पत्र में हस्ताक्षर करवाए जा रहे है उक्त सहमति पत्र में फसल नुक़सान संबंधित मुआवज़े की राशि का कोई विवरण नहीं लिखा है और जानकारी के अभाव में किसानो से धोखा धड़ी पूर्वक हस्ताक्षर करवाये जा रहे है जिसका हम पूर्ण विरोध करते है l

ग्राम बागडूमर के किसान शिव यादव ने बताया कि गेल (इंडिया) लिमिटेड के कर्मचारीयो ने आज दिनांक तक हमें इस परियोजना से संबंधित कोई उचित जानकारी नहीं दी है केवल नोटिस देकर पूरी प्रक्रिया को मनमाने तरीक़े से सारे नियमों का उल्लंघन कर तेज़ी से काम रहे है । सूचना के अधिकार में जब जानकारी माँगी गई तब भी जानकारी देने से इंकार कर दिया गया। ग्राम परसदापार के किसान मनोज वर्मा का कहना है कि हम प्रभावित किसान इस परियोजना का शुरू से ही विरोध करते आ रहे है पर गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया । हमने इस पाइपलाइन परियोजना के विरोध में जिला प्रशासन को पहले भी ज्ञापन देकर आपत्ति दर्ज कराई थी परन्तु ज़िला प्रशासन द्वारा भी हमारे विरोध को नजरंदाज किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (मज़दूर कार्यकर्ता समिति) के कलादास ढहरिया का कहना है कि उक्त पाइपलाइन के लिए भूमि के उपयोग के अधिकार का अर्जन हेतु जारी की गई अधिसूचना को रद्द किया जाये और किसानों से धोखा धड़ी कर हस्ताक्षर करवाने वाले गेल (इंडिया) के कर्मचारियों पर एफ़.आई.आर दर्ज कर क़ानूनी कार्यवाही की जाये।  गैस पाइपलाइन प्रभावित किसान संघर्ष समिति से प्रभावित किसान जिनमे रवि प्रकाश तम्राकर, संदीप पटेल, संजय ताम्रकार, देवेंद्र तम्राकर, मनोज वर्मा, सनत साहू, ओमप्रकाश यादव, शिव यादव, भावेश कुमार, मानिकराम साहू, अशोक शर्मा, गौतम देवांगन, भूमेश्वर ठाकुर, नरसिंह धनकर, यशवंत शर्मा, दौलत राम, नंदकुमार, दशरथ देवांगन, सहित कई किसान उपस्थित रहे।