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भिलाई। भारतीय रेलवे के एक महत्वपूर्ण अंग के रूप में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे लगभग 5480 ट्रैक रूट किलोमीटर रेल लाइन के साथ प्रतिदिन औसत लगभग 360 यात्री गाड़ियों के साथ-साथ माल गाड़ियों का भी परिचालन करती है। इतनी बड़ी संख्या में रेल लाइनों पर गाड़ियों के परिचालन से निश्चित ही रेल लाइनों का समयानूसार आवश्यक मेंटेनेंस कार्य की आवश्यकता होती है। रेल परिचालन जितना महत्वपूर्ण है उतना ही जरूरी रेल पटरियों का मेंटेनेंस भी है। इसके लिए रेलवे द्वारा अत्याधुनिक मशीनों से रेलवे पटरियों का रखरखाव कर रहा है।
इसी कड़ी में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत रेल लाइनों का ट्रैक मशीनों के द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के अप्रैल2023 से जनवरी 2024 तक पिछले 10 महीनों में 4800 किलोमीटर से भी अधिक प्लेन ट्रैक की टैंपिंग का कार्य किया गया है, जो कि पिछले वर्षों की तुलना में अधिक है । ट्रैक मेंटेनेंस के दौरान दिन हो या रात, सर्दी हो या बरसात 24 घंटे रेल कर्मचारी एक-एक मिनट के समय का सदुपयोग करते हुए संरक्षित रेल परिचालन के लिए कार्य करता है । इसके साथ ही साथ इन्ही दौरान रेलवे लाइनों पर ट्रैको के रिनिवल एवं मेंटेनेंस करनेवाली मशीनों से भी कार्य लिया जाता है । वर्तमान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे अपने 74 ट्रैक मशीनों के साथ ट्रैक रखरखाव एवं अनुरक्षण के कार्य में मुस्तैदी के साथ कार्यरत है । ट्रैक मशीनों मे मुख्यतः सीएसएम, ड्योमैटिक, एमपीटी, यूनिमेट, बीसीएम, एफ़आरएम, बीआरएम, पीक्यूआरएस, टी28, आदि शामिल हैं । इन मशीनों के संचालन के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के ट्रैक मशीन विभाग में लगभग 700 से अधिक कर्मचारी कार्यरत है ।
सुरक्षित सफर के लिए मेंटेनेंस जरूरी
रेल लाइनों के मेंटेनेंस में मुख्य रूप से रेल लाइनों की लाइनिं, लेवलिंग एवं अलाइनमेंट बहुत ही महत्वपूर्ण है इसके साथ ही साथ रेल लाइनों के नीचे बिछा हुआ गिट्टी या बैलास्ट, जो कि लाइनों के लिए कुशन का कार्य करती है तथा रेल लाइनों के ऊपर पड़ने वाली गाड़ियों के भार को सही मात्रा में बांटकर रेल यात्रियों के आरामदायक यात्रा को सुनिश्चित करने में मदद करती है। रेल यात्रियों के संरक्षित सफर को सुनिश्चित करने में रेल लाइनों के मेंटेनेंस कार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है। नए जरूरतों को देखते हुए रेलवे द्वारा अत्यधिक आधुनिक मशीन का प्रयोग किया जा रहा है। इन अत्याधुनिक मशीन के द्वारा रेल ट्रैक के रखरखाव से संबंधित अनेक प्रकार के कार्य सुगमता से सरलता से किए जाते हैं। मशीन के द्वारा कार्य में लागत अत्यधिक कम आती है, और साथ-साथ में रेल ट्रैक की भारी संरचना के कार्य को भी सरल एवं सुरक्षित तरीके से कर देती है जिससे ट्रैक कर्मियों की सुरक्षा भी बनी रहती है।
130 किमी तक पहुंच चुकी है गति
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में तीसरी लाइन, चौथी लाइन एवं नई लाइन के निर्माण कार्य तथा कार्यरत लाइन के अनुरक्षण एवं मरम्मत के लिए मशीनों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हो गई है। इसके के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेल में मैनपावर के साथ, उच्च तकनीक के मशीनों का भी इस्तेमाल करके आधुनिक ट्रैक मेंटेनेंस किया जा रहा है। नागपुर से बिलासपुर की मेन लाइन की गति 130 किलोमीटर प्रति घंटे की जा चुकी है । बिलासपुर से झारसुगुड़ा सेक्शन की गति मे वृद्धि का परीक्षण भी किया जा चुका है । आने वाले समय में इस सेक्शन की गति मे भी वृद्धि हो जाएगी । ऐसे में इस मशीनों की आवश्यकता तथा महत्ता और बढ़ गई है । लाखो करोड़ों रेल यात्रियों के विश्वास और भरोसे पर खरा उतरने के लिए जरूरी है कि हमारे यात्रियों के ट्रेनों पर चढ़ने से लेकर उनके गंतव्य पहुँचने तक भारतीय रेलवे की विश्वसनीय एवं भरोसे की मुस्कान हमारे रेल यात्रियों के चेहरे पर लगातार बनी रहे। इस विश्वास को बनाये रखने के लिए हमारे रेल यात्रियों से हमें मेंटेनेंस एवं आवश्यक रेल विकास कार्यों के दौरान होने वाली असुविधा के लिए सहयोग की आशा रहती है।