232 करोड़ की लागत से रायपुर में बनने जा रही है देश की छटवी साइंस सिटी, चंद्रमा जैसी जीरो ग्रेविटी का होगा एहसास


रायपुर। विज्ञान के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ते हुए केंद्र सरकार राज्य सरकार की मदद से देश की छठवीं साइंस सिटी रायपुर में बनाने जा रही है। जिसे बनाने के लिए करीब 232 करोड रुपए की लागत राशि तय की गई है जिसे केंद्र 60 प्रतिशत और राज्य 40 प्रतिशत के सहयोग से निर्माण कार्य कराएगा। वैसे यह देश की चौथी साइंस सिटी होगी, जिसे खुद केंद्र सरकार विकसित करेगी। कोलकाता, गुवाहाटी, देहरादून के बाद छत्तीसगढ़ में साइंस सिटी केंद्र सरकार बनाने जा रही है। इसके अलावा अहमदाबाद और पंजाब में राज्य सरकार के मॉडल के तहत साइंस सिटी का निर्माण कराया गया है।

साइंस सिटी को बनाने के लिए छत्तीसगढ़ में जमीन की तलाश की जा रही है। इस साइंस सिटी के निर्माण में करीब 35 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। सरकार ने बजट में 34.90 करोड रुपए का प्रावधान भी इसे लेकर रखा है। लगातार विभागों के द्वारा इस विषय को लेकर मंथन शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि नया रायपुर में इसे बनाया जा सकता है। जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव के बाद इसकी टेंडर प्रक्रिया की भी शुरुआत हो जाएगी। रायपुर में इस तरह की विज्ञान नगरी बनने से राज्य में नई तकनीकी का विकास तेजी से होगा।

विज्ञान नगरी के बनने से आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ में नई टेक्नोलॉजी तेजी से उभर कर आएगी। इसके साथ ही यहां जो भी उपकरण लगाए जाएंगे वह आधुनिक तकनीकी के होंगे। जहां बेहद ही करीब से लोग चंद्रग्रहण, चंद्रमा और तारों को देख सकेंगे। इसके साथ ही एक ऐसा हॉल तैयार किया जा रहा है, जहां लोगों को चंद्रमा की जैसी जीरो ग्रेविटी का एहसास कराया जाएगा। जहां कोलकाता की तर्ज पर डायनामोशन हॉल बनेगा। जहां लोग गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांतों को करीब से समझेंगे।

बता दें कि यह प्रपोजल साल 2005 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार में केंद्र सरकार की तरफ से आया था। साल 2003 में पहली बार प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी, जिसके दो साल के बाद साइंस सिटी का प्रपोजल केंद्र सरकार ने भेजा था। उस समय यह साइंस सिटी रायपुर के सड्डू में बनाने का प्रस्ताव आया था। लेकिन बाद में केंद्र और राज्य के बीच बजट की अड़चनों के कारण साइंस सिटी का यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ती में चला गया।