सरकारी काउंटर से शराब की अवैध बिक्री का मुद्दा सदन में छाया, विधायक रिकेश सेन ने उठाई जांच की मांग


भिलाई। छत्तीसगढ़ में शराब की दुकानों में बिकने वाली शराब को अवैध तरीके से काउंटर से ब्लैक करने का मुद्दा गरमाया हुआ है। शराब की दुकानों के काउंटर से शराब की अवैध बिक्री को लेकर वैशाली नगर विधायक ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में अपनी बात रखी। उन्होंने इस मुद्दे पर पूर्व की कांग्रेस सरकार व आबकारी मंत्री को घेरा और इस मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने की भी मांग की है। उन्होंने प्लेसमेंट एजेंसी की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जिसे कई विधायकों ने अपना समर्थन दिया। इस पर विभागीय मंत्री ने सदन में प्लेसमेंट एजेंसी की जांच करवाने की घोषणा की है।

बता दें छत्तीसगढ़ में शराब सप्लाई सरकार द्वारा कराई जा रही है। शराब की दुकानों में शराब की बिक्री का जिम्मा प्लेसमेंट एजेंसी को दिया गया है। प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा अपने कर्मचारियों के माध्यम से शराब की दुकानों में बिक्री करवाया जा रहा है। प्लेसमेंट एजेंसी के कर्मचारियों द्वारा डिमांड वाली शराब को ब्लैक में बेचा जाता है। वहीं कई ऐसे ब्रांड हैं जिसे ओवररेट कर भी बेचा जा रहा है। इस संबंध में कई बार शिकायतें मिलने के बाद भी पूर्व की सरकार ने किसी प्रकार की जांच नहीं करवाई और न ही ऐसे लोगों पर कार्रवाई हुई। नजीता यह रहा कि शराब की दुकानों में बैठने वाले सेल्स मेन से लेकर मैनेजर तक मनमाने दाम पर शराब बेच रहे हैं।

शराब की अवैध बिक्री पर गरजे विधायक रिकेश सेन
छत्तीसगढ़ में शराब की दुकानों के काउंटर से शराब की बिक्री पर वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन सदन में जमकर गरजे। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के कई मंत्री व अफसर शराब घोटाले के आरोप में फंसे हुए हैं। पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में सरकारी शराब की दुकान के काउंटर से शराब को अवैध रूप से बेचे जाने की अनेक शिकायतें मिली थीं। विधायक रिकेश सेन ने कहा कि इस मामले में प्लेसमेंट एजेंसी की कार्यप्रणाली पूरी तरह संदिग्ध रही इसलिए इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ एफआईआर के साथ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। विधायक रिकेश की मांग का अनेक विधायकों ने समर्थन किया।

ओवररेट की शिकायतें भी सबसे ज्यादा
शराब की दुकानों में कुछ ऐसे ब्रांड की शराब भी है जिसमें ओवर रेट की शिकायतें मिली हैं। मनचाहा ब्रांड होने के बाद भी शराब की दुकानों में नहीं दिया। इसके लिए ग्राहकों को अतिरिक्त दाम चुकाना पड़ता है। एक पौव्वा पर 10 से 20 व किसी-किसी में 50 रुपए तक अधिक राशि लेकर शराब दिया जाता है। इस प्रकार की शिकायतें प्रदेश की अधिकतर शराब की दुकानों में मिलेंगी। प्लेसमेंट एजेंसी सरकार से भुगतान लेने के साथ ही इस प्रकार 10, 20 व 50 रुपए की धांधली कर करोड़ों रुपए के वारे न्यारे कर रही है जो सीधा सरकार के खजाने पर चोट है। सरकार यदि शराब की दुकानों की सही जांच करवाए तो इस तरह की कई अनियमितताएं सामने आएंगी और कई बड़े नाम इसमें मिलेंगे।