ऑनलाइन एफआईआर पर नंबर देख ठगी का प्रयास, पीड़ित पहुंचा थाने… साईबर फ्रॉड का यह है नया तरीका


जशपुर। साइबर ठगी के रोज नए नए मामले सामने आ रहे हैं। ठगी करने वाले कई तरीकों से भोले भाले लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। अब तक कई ऐसे मामले में आए जिसमें अलग अलग तरीके से ठगी की गई। जैसे जैसे लोग सजग हो रहे हैं वैसे वैसे ठगी का तरीका भी बदलने लगा है। साइबर ठगों ने अब ठगी के लिए पुलिस के एफआईआर की मदद लेना शुरू कर दिया है। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में ऐसा ही एक मामला सामने आया जिसमें प्रार्थी की सूझबूझ के कारण वह ठगी से बच गया।

दरअसल 1 अप्रैल 2024 को तपकरा थाना क्षेत्र के लावाकेरा के पास ओड़िशा की ओर से आ रहे मोटर साइकिल क्रमांक सीजी 14 एमएल 3497 को ट्रक क्रमांक सीजी 04 जेसी 6141 ने जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में मोटर साइकिल सवार बिहाबाल पतराटोली निवासी रत्थू राम की मृत्यू हो गई थी। इस मामले में उसके भाई संदीप राम रिपोर्ट थाना तपकरा में दर्ज कराया। पुलिस इस मामले की अभी जांच कर रही है। इस बीच इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने वाले के संदीप राम के साथ ठगी का प्रयास हुआ।

थाना प्रभारी के नाम पर वसूली का प्रयास
इन दिनों छत्तीसगढ़ पुलिस के ऑनलाइन पोर्टल पर एफआईआर की कापी मौजूद रहती है। उसमें प्रार्थी का नंबर भी अंकित होता है। इस एफआईआर में नंबर देखकर अज्ञात ने संदीप राम को फोन किया और कहा कि वह तपकरा थाना प्रभारी बोल रहा है कि उसके भाई के एक्सीडेंट के प्रकरण में क्लेम की राशि 5 से 6 लाख रुपए जल्द दिला देगा। इसके लिए 20 हजार रुपए फोन पे के माध्यम से देने कहा। यही कथित थाना प्रभारी ने एक्सीडेंट करने वाले ट्रक ड्राइवर को लाने टीम भेजने के नाम पर भी 10 हजार रुपए देने कहा। इसके लिए प्रार्थी के मोबाइल पर फोन पे का क्यूआर कोड भी भेजा।

शक हुआ तो पहुंचा थाने
सीधे थाना प्रभारी द्वारा इस प्रकार फोन करना और स्टाफ भेजने के नाम पर 10 हजार रुपए की डिमांड करने पर प्राथी संदीप राम को संदेह हुआ। संदेह होने पर उसने तपकरा थाने पहुंचकर वास्तविक थाना प्रभारी को इसकी जानकारी दी। इसके बाद थाना प्रभारी ने प्रार्थी को ऐसा कोई कॉल थाने से नहीं करने की बात कही और ऐसे कॉल से सावधान रहने कहा। संदीप राम अपनी सूझबूझ ने उसे ठगी से बचा लिया।

एसपी शशिमोहन सिंह ने की अपील
इधर पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वर्तमान में प्रथम सूचना पत्र ऑनलाइन होने के कारण एवं मोबाईल नंबर एफआईआर में अंकित होता है। इसके कारण ठगी करने वाले गिरोह इस तरह की घटना को अंजाम दे रहे हैं। प्रार्थी एवं अन्य किसी को इस प्रकार से फोनकॉल आते हैं तो वे तत्काल पुलिस को सूचित करें, ताकि पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा सके। एसपी सिंह ने बताया कि जिस नंबर से प्रार्थी को प्रार्थी संदीप राम को फोन आया था उसकी जांच सायबर सेल यूनिट द्वारा की जा रही है।