Breaking News : ठेकेदार की हत्या का खुलासा, रिपोर्ट लिखाने वाला ही निकला कातिल… दो साथियों के साथ गिरफ्तार


भिलाई। मोहन नगर थाना क्षेत्र में पिछले दिनों मिली हलवाई की लाश के मामले में पुलिस ने शनिवार को बड़ा खुलासा किया है। इस मामले में पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने पैसों के लेनदेन को लेकर हलवाई ठेकेदार की हत्या कर दी और शव का सुलभ शौचालय के डबरी में ठिकाने लगा दिया। खास बात यह है कि हत्या करने वाले ने ही सुलभ में शव मिलने की सूचना पुलिस को दी थी। मर्ग जांच के दौरान पीएम रिपोर्ट में हत्या का पता चला और पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

मामले का खुलासा करते हुए मोहन नगर पुलिस ने बताया कि राधेश्याम वर्मा (25) ने 22 अप्रैल को थाने पहुंचकर बताया कि गेंदी डबरी शौचालय में एक व्यक्ति मृत अवस्था में पढ़ा है। सूचना पर थाना मोहन नगर पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर जाच शुरू की। शव की शिनाख्त तितुरडीह नायापारा निवासी शेखर यादव उर्फ बंटी(41) के रूप हुई। शव का पीएम कराया गया और रिपोर्ट में हत्या होना पाया गया। इसके बाद पुलिस ने धारा 302 के तहत अपराध दर्ज कर हत्यारों की तलाश शुरू की।

जांच के दौरान पुलिस को सूचना देने वाले राधेश्याम यादव उर्फ बुद्ध पर शक हुआ। मृतक से राधेश्याम का परिचय था। शक के आधार पर पुलिस ने राधेश्याम यादव उसके दो साथी प्रकाश यादव उर्फ पप्पू व महावीर यादव उर्फ बातू को हिरासत में लिया। पुलिस की पूछताछ में तीनों ने जल्द ही सच उगल दिया। आरोपियों ने बताया कि शेखर यादव हलवाई ठेकेदारी का काम करता है और तीनों ने उसके पास काम किया था। काम के बाद पूरा पैसा नहीं दिया। पैसों की मांग करने पर टाल देता था।

22 अप्रैल को तीनों ने प्लानिंग के साथ शेखर यादव को मिलने के लिए बुलाया। यहां शेखर यादव को पहले शराब पिलाई और उसके बाद पैसों की मांग की गई। इसे लेकर विवाद हुआ और विवाद इतन बढ़ गया कि तीनों ने हाथ, मुक्का, लात घूंसा, बांस के डण्डे व अन्य हथियार से जमकर पीटा। इससे शेखर यादव की मौत हो गई। बचने के लिए तीनों ने शव को शुलभ शौचालय के अंदर रख दिया। इसके बाद आरोपी राधेश्याम यादव खुद थाने पहुंचकर शव मिलने की सूचना दी। पुलिस ने तीनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। इस पूरी कार्रवाई में नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग चिराग जैन के नेतृत्व में थाना प्रभारी आकांक्षा पाण्डेय (प्रशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक), प्रधान आरक्षक संतोष शर्मा, आरक्षक ओमप्रकाश देशमुख, वेदराम बंधे, मुरली वर्मा, विश्वजित टंडन, शकील खान, तारकेश्वर साहू व सचिन सिंह का विशेष योगदान रहा।