छत्तीसगढ़ के मंत्री टंकराम वर्मा ने विरासत टैक्स को बताया साजिश, कहा- लोगों की संपत्ति लूटना चाहती है कांग्रेस


भिलाई। लोकसभा चुनाव में विरासत टैक्स को लेकर भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पर हमलावर है। गुरुवार को भिलाई भाजपा कार्यालय पहुंचे छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा ने इसे कांग्रेस की साजिश बताया है। मंत्री टंकराम वर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी लोगों की संपत्ति हड़पना चाहती है। विरासत टैक्स के रूप में कांग्रेस पार्टी लोगों की अपनी संपत्ति को सरकारी खजाने में जमा कराएगी।

मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि कांग्रेस के प्रमुख सलाहकार और राहुल गांधी के राजनीतिक प्रशिक्षक सैम पित्रोदा ने अमेरिका की तरह भारत में भी इन्हेरिटेंस टैक्स लगाने की बात की। मंत्री वर्मा ने कहा पित्रोदा का बयान अचानक और जबान फिसलने के कारण नहीं आया है दरअसल यह एक सोची समझी चाल है।कांग्रेस पार्टी का संकल्प पत्र जारी करते हुए राहुल गांधी ने हैदराबाद में जो कहा, उसे समझने की जरूरत है। उन्होंने स्पष्ट कहा है, कांग्रेस की सरकार बनेगी तो सबकी वित्तीय स्थिति का सर्वेक्षण कराया जायेगा, जिसके आधार पर क्रांतिकारी निर्णय लिए जायेंगे।

विरासत टैक्स से सभी वर्ग होंगे प्रभावित
टंकराम वर्मा ने कहा कि से विरासत टैक्स से सभी वर्ग प्रभावित होंगे पर सबसे अधिक मध्यम वर्ग प्रभावित होगा। यह टैक्स मध्यम वर्ग और उन आकांक्षी लोगों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा जो अपने परिश्रम से अपना एक घर बनाते और कुछ बचत कर पाते हैं। विरासत टैक्स लागू होने पर वे इन संपदा को पूरी तरह से अपने बच्चों को नहीं दे पाएंगे। अगर ऐसा होता है तो पिछले 10 सालों में भारत में हुई तमाम प्रगति बेकार हो जाएगी। देश फिर से उस युग में चला जाएगा जब कांग्रेस 90 प्रतिशत टैक्स वसूलती थी। भारत में साल 1985 तक इसी तरह का कर देखने को मिलता था, जिसमें किसी व्यक्ति की जीवन भर की गाड़ी कमाई और संपत्ति उसकी मौत के बाद बच्चे को ट्रांसफर होती थी और बच्चे को उस कुल संपत्ति पर सरकार को टैक्स चुकाना पड़ता था।

1953 में लाया गया था स्टेट टैक्स
टंकराम वर्मा ने कहा कि 1953 में लाया गया था स्टेट टैक्स अव्यवहारिक था पूरे भारत में इसका विरोध हो रहा था इसलिए इसे 1985 में खत्म कर दिया गया था. यह साल 1953 में लाया गया था। चूंकि, देश को इससे कुछ साल पहले ही आजादी मिली थी और तब गरीवी थी. आर्थिक तौर पर असमानता थी। सरकार की तव सोच थी कि अमीर लोगों का पैसा अगर उनके बच्चों के पास जाएगा तब समाज में यह असमानता और बढ़ जाएगी। यही वजह थी कि इस कर को एक एक्ट (अधिनियम) के जरिए लाया गया था।

ऐसे की जाएगी विरासत कर की गणना
मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि विरासत कर की गणना करने के लिए मृतक की मृत्यु के समय उसके स्वामित्व वाली सभी संपत्तियों के कुल बाजार मूल्य का निर्धारण करके शुरुआत करना, इस मूल्यांकन में सभी संपत्तियां शामिल करना जैसे कि रियल एस्टेट संपत्तियां, निवेश होल्डिंग्स (स्टॉक, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड इत्यादि), वर्तमान बैंक शेष, वाहन और व्यक्तिगत सामान (आभूषण, कला और अन्य मूल्यवान वस्तुएं)। सभी को जोड़कर लगभग आधा हिस्सा टैक्स लगाकर ले लेगी। सरल भाषा में बोले तो बाप दादा के पांच एकड़ ज़मीन को बच्चों को बांटकर हिस्सा देना चाहेंगे तो ढाई एकड़ से ज़्यादा ज़मीन कांग्रेसी सरकार टैक्स के रुप में ले लेगी।

राष्ट्रीय प्रवक्ता के साथ हुआ दुर्व्यवहार : केदार गुप्ता
मीडिया से चर्चा के दौरान प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने रायपुर में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा से दुर्व्यवहार का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी ही राष्ट्रीय प्रवक्ता से बदसलूकी करती है। राजधानी में उसे अपने की पार्टी के पदाधिकारियों के कारण रोना पड़ा था। उन्होंने ट्वीट कर अपना दर्द बयान किया। केदार गुप्ता ने कहा कि जिस पार्टी के लोग अपनी ही राष्ट्रीय प्रवक्ता से बदसलूकी कर सकते हैं वे देश की महिलाओं के लिए क्या करेंगे।