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नई दिल्ली। माइक्रोसॉफ्ट के सॉफ्टवेयर में शुक्रवार (19 जुलाई) सुबह खराबी आने के बाद दुनियाभर में फ्लाइट ऑपरेशन गड़बड़ा गए हैं। सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी से दुनियाभर के एयरपोर्ट्स पर चेक इन सिस्टम और इन्फॉर्मेशन डिस्प्ले बंद हो गए। इससे फ्लाइट्स के लिए चेक इन और टिकट बुकिंग सर्विसेज ठप हो गईं।
भारत समेत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और इंग्लैंड में एयरलाइंस, ATM, बैंकिंग और कॉर्पोरेट कंपनियों के कामकाज पर बुरा असर पड़ा है। ब्रिटेन में तो टेलीविजन का प्रसारण ठप हो गया। तकनीकी भाषा में इसे मेगा IT आउटेज कहा जा रहा है। समस्या की शुरुआत, वजह और इसे ठीक करने में आने वाली चुनौतियों को DB डिजिटल के CTO परेश गोयल से समझने की कोशिश करते हैं।
दुनियाभर में विंडोज-10 यूजर्स के सिस्टम क्रैश हो रहे हैं यानी उनके सिस्टम या तो अचानक बंद हो रहे हैं या रीस्टार्ट हो जा रहे हैं। इस वजह से कंप्यूटर की स्क्रीन पर नीले बैकग्राउंड के साथ एक मैसेज डिस्प्ले हो रहा है। इसे ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ (BSOD) एरर कहा जा रहा है। ऐसी स्थिति में कंप्यूटर पर कोई काम नहीं किया जा सकता।
ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ एक सीरियस एरर स्क्रीन है, जो विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर दिखाई देती है। ऐसा तब होता है, जब सिस्टम किसी सीरियस इश्यू के चलते क्रैश हो जाता है। इस मैसेज के मायने हैं कि सिस्टम सुरक्षित रूप से काम नहीं कर सकता है। इस एरर पर कंप्यूटर अपने आप रीस्टार्ट होने लगता है और डेटा लॉस की आशंका बढ़ जाती है।
कंप्यूटर सिस्टम को साइबर अटैक और वायरस से बचाने के लिए विंडोज बेस्ड कंप्यूटर में क्राउडस्ट्राइक (Crowdstrike) नाम के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होता है। यह बेहद जाना-माना एंटीवायरस सॉफ्टवेयर है और बड़ी कंपनियां सिक्योरिटी के लिए इसे इस्तेमाल करती हैं।
गुरुवार रात (18 जुलाई) को क्राउडस्ट्राइक सॉफ्टवेयर ने एक अपडेट रिलीज किया, जिसने विंडोज कंप्यूटर में अचानक गड़बडी पैदा कर दी। जिन कम्प्यूटर्स पर यह अपडेट गया, वे सब क्रैश होते चले गए। इन्हीं कंप्यूटर्स पर एयरलाइंस की बुकिंग और चेक इन सर्विस आधारित है। लिहाजा ये तमाम सर्विसेस बंद पड़ गईं।