छत्तीसगढ़ चुनाव : आदिवासी ही होगा प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत व दीपक का नाम आगे


रायपुर। भाजपा में हो रहे लगातार बदलाव के बाद अब कांग्रेस संगठन भी बड़े फेरबदल करने की तैयारी में है। शुक्रवार को सीएम भूपेश बघेल की राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात के बाद पीसीसी में बदलाव की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। इन चर्चाओं में कहा जाने लगा कि मोहन मरकाम की दूसरे कार्यकाल के साथ ही विदाई तय हैं। उनके बदले किसी आदिवासी को ही अध्यक्ष बनाना लगभग तय हैं। नए अध्यक्ष के तौर पर दो नाम रायपुर से लेकर दिल्ली तक चर्चा में हैं।

ये दो नाम हैं-खाद्य मंत्री अमरजीत भगत और सांसद दीपक बैज। वर्तमान परिस्थितियों में कांग्रेस के सामने दो विकल्प हैं। आदिवासी बाहुल्य बस्तर को प्राथमिकता में रखें या सरगुजा को। पार्टी की वर्तमान गुटीय राजनीति को ध्यान में रखते हुए अमरजीत भगत पहली पसंद के तौर पर सामने आए हैं। वहीं, दूसरी ओर मरकाम के बदले बस्तर का ही प्रतिनिधित्व बनाए रखने के लिए दीपक बैज के नाम पर पार्टी जा सकती है।

आदिवासी ही क्यों
छत्तीसगढ़ में जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए आदिवासी को ही प्राथमिकता देने की प्रमुख वजह है- यहां की 29 आदिवासी सीटें। आदिवासी चेहरे को सामने कर जातीय संतुलन बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ओबीसी वर्ग से आते हैं और प्रदेश में लगभग 48 फीसदी आबादी का वे प्रतिनिधित्व करते हैं। इस तरह ओबीसी और आदिवासी दोनों वर्ग को पार्टी साधना चाहती है।

अरमजीत भगत इसलिए

  • अमरजीत भगत को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सरगुजा संभाग और आदिवासी दोनों को साधा जा सकता है।
  • वर्तमान में खाद्य मंत्री होने की वजह से प्रदेश में कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पैठ और सत्ता की समझ है।
  • 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भगत का नाम भी तेजी से चला था, लेकिन किन्हीं कारणों से उन्हें पद नहीं मिल पाया।