इस देश में शादी के लिए लड़का देता है दहेज, आखिर क्यों है ऐसी परंपरा जाने…

नॉलेज डेस्क। भारत में दहेज के लेन-देन के किस्से और दहेज प्रताड़ना के केस दोनों आम बातें हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चीन में भी ‘दहेज’ की वजह से शादियां मुश्किल में हैं।

नॉलेज डेस्क। भारत में दहेज के लेन-देन के किस्से और दहेज प्रताड़ना के केस दोनों आम बातें हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चीन में भी ‘दहेज’ की वजह से शादियां मुश्किल में हैं।

हालांकि ये ‘दहेज’ नहीं ‘वधू मूल्य’ है जो दूल्हे को दुल्हन के मां-बाप को चुकाना होता है। दशकों तक ‘वन चाइल्ड’ पॉलिसी के चक्कर में अब चीन में लड़के ज्यादा और लड़कियां कम हो गई हैं।

नतीजा ये कि लड़कों को शादी के लिए लड़कियां नहीं मिल रही हैं। शादी की उम्र की लड़कियों के मां-बाप चीन की वधू मूल्य की परंपरा के तहत औसतन 16-17 लाख का दहेज मांगते हैं। कई बार तो ये दहेज 40 लाख से भी ज्यादा का हो जाता है।

दरअसल, चीन में पारंपरिक तौर पर महिलाओं की भूमिका घर संभालने की रही है और सरकारी अभियान से नाराज लोग मानते हैं कि कम्युनिस्ट पार्टी हर बार की तरह इस बार भी सारा दोष लड़कियों पर मढ़ रही है। सरकारी कैम्पेन्स में ऐसा दिखाया जा रहा है जैसे वधू मूल्य मांगने वाली लड़कियां लालची हैं।

पुर्तगाल की यूनिवर्सिटी ऑफ कॉइम्ब्रा में चीन के गांवों पर शोध कर रहे एंथ्रोपोलॉजी के प्रोफेसर गोंकालो सांतोस कहते हैं कि महिलाओं को दोषी दिखाकर सरकार इस बात से ध्यान हटाना चाहती है कि इस समस्या की जड़ में सरकारी नीति ही है।

दरअसल, लंबे समय तक चीन में ‘वन चाइल्ड’ पॉलिसी लागू रही है। उस दौर में ज्यादातर लोग बेटियों के बजाय बेटे चाहने लगे। नतीजा ये हुआ कि आज चीन में लैंगिक अनुपात खासा बिगड़ गया है।

अब लड़कियों की आबादी कम होने से शादी के लिए लड़कों के सामने खासा कम्पीटिशन खड़ा हो गया है। ये हालात ग्रामीण इलाकों में और भी खराब हैं, जहां महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की आबादी करीब 2 करोड़ ज्यादा है।

ग्रामीण लड़कियां भी शहरी लड़कों से शादी करना ज्यादा पसंद करती हैं ताकि अर्बन हाउसहोल्ड रजिस्ट्रेशन परमिट मिल पाए। इससे स्कूलिंग, हाउसिंग से लेकर हेल्थ केयर बेहतर मिलता है।

मगर चीन में बढ़ती कॉस्ट ऑफ लिविंग ने इस परंपरा को खतरनाक बना दिया है। लड़की के मां-बाप मानते हैं कि ये वधू मूल्य उनका हक है, ताकि वो किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपनी बचत को बढ़ा सकें।

वहीं, उनका ये भी मानना है कि औसत उम्र ज्यादा होने से लड़के के मां-बाप ज्यादा समय तक जीते हैं और लड़की को उनकी ज्यादा देखभाल करनी होती है। ऐसै में इसकी कीमत भी ज्यादा होनी चाहिए।

सरकार चाहे तो चाइल्ड केयर और ओल्ड एज केयर पर सरकारी खर्च बढ़ा इस सामाजिक समस्या को कम कर सकती है।

बढ़ती महंगाई और वधू मूल्य के झमेले की वजह से कई चीनी युवा अब शादी से ही पल्ला झाड़ने लगे हैं। जियांगशी प्रॉविंस की राजधानी नानचांग में मैचमेकर का काम करने वाली लियु गुयोयिंग कहती हैं कि इस वजह से वधू मूल्य को लेकर भी सोच बदल रही है।