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नई दिल्ली। Smartphone की बैटरी हर यूजर के लिए मायने रखती है। यही वहज है कि हर यूजर स्मार्टफोन की बैटरी की खास देखभाल के लिए तमाम तरह की बातें फॉलो करता है।
हालांकि, कई बार यूजर स्मार्टफोन की बैटरी से जुड़ी ऐसी टिप्स को फॉलो कर रहा होता है, जिनका हकीकत से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं होता। यानी बैटरी से जुड़े कुछ बातें केवल और केवल मिथ होती हैं। इस आर्टिकल में आपको स्मार्टफोन की बैटरी से जुड़ी कुछ जरूरी बातों को बताने जा रहे हैं-
स्मार्टफोन को दिन में चार्ज करना थोड़ा मुश्किल काम है, क्योंकि दिन में अधिकतर समय यूजर को फोन की जरूरत पड़ती है। ऐसे में हर यूजर रात में सोने के दौरान डिवाइस को चार्जिंग पर लगा देता है।
हालांकि, बहुत ये यूजर्स इसे बैटरी के लिए खतरनाक मानते हैं, जबकि यह एक मिथ भर होता है। स्मार्टफोन में एडवांस टेक्नोलॉजी की मदद से बैटरी फुल चार्ज होने के बाद चार्ज होना खुद-ब-खुद बंद हो जाती है।
बहुत से यूजर्स पब्लिक चार्जिंग पोर्ट को एक बड़ी सुविधा मान इसका पूरा लाभ उठाते हैं। सफर के दौरान या कैफे में इस तरह की सुविधा का इस्तेमाल करना बिल्कुल भी सेफ नहीं माना जा सकता है। यह सुविधा तो है, लेकिन आपकी पर्सनल और बैंकिंग जानकारियों को एक बड़ा नुकसान पहुंच सकता है, क्योंकि हैकर्स आजकल एडवांस तरीकों से यूजर्स को निशाना बनाते हैं।
बहुत से यूजर का मानना होता है कि नए फोन को इस्तेमाल करने से पहले फुल चार्ज करना जरूरी है। हालांकि, यह भी केवल एक मिथ है। जानकार बताते हैं कि नया फोन आपके हाथ में आने तक टेस्टिंग और मैन्युफैक्चरिंग के प्रॉसेस में बैटरी आधे से ज्यादा ड्रेन हो चुकी होती है।
बहुत से यूजर्स का मानना होता है कि फोन की बैटरी एक बार फुल चार्ज करने के बाद 0 होने पर ही दोबारा चार्ज करनी चाहिए। हालांकि, यह भी एक मिथ है। जानकार बताते हैं कि फोन की बैटरी को चार्ज करने के लिए इसे 20 प्रतिशत डाउन होने के बाद ही चार्ज कर लेना चाहिए। इसके साथ ही बैटरी को फुल चार्ज करने की जगह 80 प्रतिशत चार्ज कर लेना ही सही माना जाता है।
यूजर्स का मानना होता है कि बैटरी ड्रेन के लिए मल्टीपल ऐप्स का इस्तेमाल कारण बनता है। हालांकि, यह भी केवल एक मिथ है।