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नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने बुधवार को ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (BBC) इंडिया के खिलाफ फॉरेन एक्सचेंज के नियमों के उल्लंघन के मामले में केस दर्ज किया है। फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट यानी FEMA के तहत यह केस दर्ज किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ED बीबीसी के फॉरेन रेमिटेंसेज की जांच कर रही है। फाइनेंशियल स्टेटमेंट भी देने के लिए कहा है।
फरवरी में भी इनकम टैक्स विभाग ने नई दिल्ली, मुंबई में बीबीसी के परिसरों में सर्वे किया था। टैक्स डिपार्टमेंट की कार्रवाई इंटरनेशनल टैक्सेशन और ट्रांसफर प्राइसिंग में खामियों के आरोप पर की गई थी। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन यूनाइटेड किंगडम का नेशनल ब्रॉडकास्टर है। इसके पूरी दुनिया में करीब 35 हजार कर्मचारी हैं। यह 40 भाषाओं में खबरें पब्लिश करता है।
BBC की फंडिंग और कमाई कैसे होती है?
बीबीसी की ज्यादातर फंडिंग सालाना टेलीविजन फीस से आती है। इसके अलावा इसे अपनी अन्य कंपनियों, जैसे- बीबीसी स्टूडियोज और बीबीसी स्टूडियोवर्क्स से भी आमदनी होती है। ब्रिटेन की संसद भी इसको ग्रांट देती है। साल 2022 में कंपनी को तब एक बड़ा झटका लगा, जब सरकार ने अगले 2 सालों के लिए वार्षिक टेलीविजन शुल्क पर रोक लगाने की घोषणा की थी।
BBC ने पीएम मोदी को लेकर डॉक्यूमेंट्री रिलीज की थी
बीबीसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 17 जनवरी को ‘द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड यूट्यूब पर रिलीज किया था। दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज होना था। पहले एपिसोड के डिस्क्रिप्शन में लिखा था कि ‘ये डॉक्यूमेंट्री गुजरात में 2002 में हुए दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका के दावों की जांच करती है।’ इसे बाद में भारत में बैन कर दिया गया था।
विदेश मंत्रालय ने इसे भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा बताया था। प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था- यह निष्पक्ष नहीं है। यह प्रधानमंत्री के खिलाफ दुष्प्रचार है।