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नई दिल्ली। सऊदी, रूस सहित ओपेक प्लस के सदस्य देशों ने आने वाले समय में तेल उत्पादन में कटौती करने का फैसला लिया है. ओपेक प्लस की इस घोषणा ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. संगठन के इस कदम के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 8 प्रतिशत तक बढ़ गई है.
आसान भाषा में समझे तो सऊदी अरब सहित 23 देशों के तेल उत्पादन कम करने के फैसले के बाद हर रोज लगभग 19 करोड़ लीटर क्रूड ऑयल का उत्पादन कम हो जाएगा. यानी तेल के दाम में प्रति बैरल 10 डॉलर तक की बढ़ोतरी होने की आशंका है. इन देशों के इस फैसले का असर भारत के पेट्रोल डीजल के दाम पर भी पड़ सकता है.
ओपेक प्लस में कितने देश शामिल हैं
ओपेक प्लस (ऑर्गनाइजेशन ऑफ ऑयल एक्सपोर्टिंग कंट्रीज) 23 तेल निर्यातक देशों के समूह को मिलाकर बना है. ओपेक (OPEC) को सितंबर 1960 में बगदाद सम्मेलन में बनाया गया था. इस संगठन का उद्देश्य विश्व बाजार में तेल की कीमत निर्धारित करने के लिए तेल की आपूर्ति को विनियमित करना है. आसान भाषा में समझें तो ओपेक प्लस बाज़ार को संतुलित रखने के लिए तेल की सप्लाई और उसकी मांग को अनुकूल बनाता है. जब तेल की मांग में कमी आती है तब ओपेक प्लस आपूर्ति कम कर के इसकी कीमतें ऊंची करता है.