अस्पताल में धुएं से घुटने दहशत में मरीज, इलाज व्यवस्था ठप

बिलासपुर। बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में आग लगने के बाद अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। आपातकालीन व्यवस्था सहित अन्य वार्डों को बंद कर दिया है। इधर अपोलो प्रबंधन की ओर से अब स्थिति सामान्य होने की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि, मरीजों को दूसरे वार्डों में सुरक्षित शिफ्ट कर दिया गया है।

बिलासपुर। बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में आग लगने के बाद अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। आपातकालीन व्यवस्था सहित अन्य वार्डों को बंद कर दिया है। इधर अपोलो प्रबंधन की ओर से अब स्थिति सामान्य होने की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि, मरीजों को दूसरे वार्डों में सुरक्षित शिफ्ट कर दिया गया है।

गुरुवार को अपोलो अस्पताल के ICU में आग लगने से अफरातफरी मच गई थी। प्रबंधन ने वार्ड का कमरा बंद कर दिया था, जिससे मरीजों और परिजनों का धुआं से दम घुटने लगा था। हंगामा मचाने के बाद मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया। वहीं, 50 से 60 मरीजों का इलाज गार्डन में किया गया। माना जा रहा है कि आग अगर बेकाबू होती तो बड़ी जन हानि हो सकती थी।

गुरुवार का वो मंजर, जब आग लगी थी…

सबसे बड़े और नामी अपोलो अस्पताल में फायर सेफ्टी सिस्टम की गुरुवार को उस वक्त पोल खुल गई, जब शाम करीब पांच बजे अस्पताल के ICU वार्ड में धुआं उठने लगा। मरीजों का इलाज चल रहा था और परिजन इधर-उधर व्यस्त थे। धुआं देखकर उन्हें लगा, सामान्य आग लगी होगी और सब कुछ नार्मल होगा। लेकिन, जैसे ही वार्ड में चारों तरफ से धुआं-धुआं हुआ, तब लोग दहशत में आ गए।

अस्पताल स्टाफ मरीजों के साथ उपकरणों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने लगे। इस दौरान कई वार्ड में कमरों को बंद कर दिया गया। ताकि, धुआं अंदर न आए। लेकिन, जब मरीज और परिजनों का दम घुटने लगा, तब उन्होंने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने उन्हें बाहर निकाला।

बांकी मोंगरा से आए राकेश कुमार ने क्या कहा…
राकेश कुमार ने कहा, वह अपने पिता को इलाज के लिए अपोलो अस्पताल में भर्ती कराए हैं। शाम को जब धुआं उठने लगा तो प्रबंधन ने कमरों के दरवाजों को बंद कर दिया था। मरीज और उनके परिजनों को भी बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा था। धुआं भरने पर दम घुंटने लगा, तब हमने विरोध करते हुए हंगामा मचाया। इसके बाद दरवाजा खोला गया। जिसके बाद बीमार पिता को लेकर किसी तरह बाहर निकले तब राहत महसूस हुई।