Physical Address
304 North Cardinal St.
Dorchester Center, MA 02124
नई दिल्ली। तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, ए. एस ओका, विक्रम नाथ और जे. के महेश्वरी की संवैधानिक बेंच ने बड़ा फैसला सुनाया है। अगर पति-पत्नी का रिश्ता इतना खराब हो चुका है कि अब सुलह होने की गुंजाइश बची ही नहीं है, तो कोर्ट भारत के संविधान के आर्टिकल 142 के तहत तलाक को मंजूरी दे सकता है।
इसके लिए उन्हें फैमिली कोर्ट नहीं जाना होगा और न ही तलाक लेने के लिए 6 महीने का इंतजार करना होगा।
यह फैसला 2014 में दायर शिल्पा शैलेश बनाम वरुण श्रीनिवासन केस में आया है, जिन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत तलाक मांगा था।
आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि क्या है आपसी सहमति से तलाक लेने का प्रोसेस और इसके लिए किन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है और कहां जाना होता है?