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Pride of Jaisalmer : जैसलमेर ! राजस्थान में जैसलमेर के आकल क्षेत्र में स्थित 18 करोड़ साल पुराने वुड फोसिल पार्क में आजादी का अमृत महोत्सव शनिवार को भारतीय भू वैज्ञानिक संरक्षण विभाग पश्चिमी क्षेत्र के वैज्ञानिको ने अलग अंदाज में मनाया।
राजस्थान में 13 ऐसे अतिमहत्वपूर्ण स्थल हैं जिनके संरक्षण एवं आमजन को इससे रूबरू करवाने की शुरुआत की गई हैं। इस अवसर पर आकल वुड फोसिल पार्क पर एक जागरुकता अभियान का आयोजन किया गया जिसकी अगुवाई डॉयरेक्टर भारतीय भू वैज्ञानिक रोहन दास ने की।
इस कार्यक्रम के रुपरेखा एवं प्रेरणा के संदर्भ में अपर महानिदेषक भारतीय भू वैज्ञानिक श्रीजयलाल के मार्ग दर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, जन प्रतिनिधि स्कूली बच्चे, वन विभाग के उच्चाधिकारी, भारतीय भू वैज्ञानिक संरक्षण के अधिकारी के साथ अन्य कई लोग मौजूद थे। इस दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किये गए।
Pride of Jaisalmer : जयपुर से पहुंचे भू वैज्ञानिक के दल ने डॉयरेक्टर जी.एस.आई रोहन दास के नेतृत्व में जैसलमेर के आकल फोसल्स पार्क में स्थित जुरेसिक कॉल की चट्टानो की जांच की एवं यहां के स्थितियों से रुबरु हुये। उन्होने बताया कि यह कुछ सामान्य चट्टाने नही हैं, यहां पर प्राचीन काल के जीवन के अवशेषो को समेटे हुये हैं।
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वरिष्ट भू वैज्ञानिक संदीप सिंह चौहान ने इस अवसर पर कहा कि आकल गाव के पास स्थित आकल फॉसिल वुड पार्क न सिर्फ जैसलमेर का बल्कि पुरे भारत का गौरव है क्यूंकि इस प्रकार के जीवाश्म को सुरक्षित करने वाली जगह भारत देश में बहोत कम हैं जैसलमेर के अतिप्रर्चिन इतिहास में झाकने का इससे अच्छा तरीका हो ही नहीं सकता।
Pride of Jaisalmer : उन्होने बताया की आकल फॉसिल वुड पार्क भारत का एक राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक हैं जो राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित है। इसे जैसलमेर शहर से 17 किमी दूर अकाल गांव में स्थित एक जैव-विविधता विरासत स्थल भी नामित किया गया हैं। वर्ष 1972 में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने इसे राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक घोषित किया था। पार्क का रख रखाव का स्थानातरण अब ‘रेगिस्तानी राष्ट्रीय उद्यान‘ के रूप में राज्य सरकार से भारत सरकार के वन विभाग द्वारा किया जाता हैं।