Lumba and pearl pattern rakhis : परंपरागत राखियां चलन से बाहर अब तो लूम्बा और मोती पैटर्न वाली राखियां ही सर्वोपरि


Lumba and pearl pattern rakhis : भाटापारा- रुझान ऐसे ही बने रहे, तो लूम्बा और मोती पैटर्न वाली राखियां, परंपरागत राखियों को बाहर का रास्ता दिखा सकती है। रेशम और मौली धागे भी मांग की राह पर आ चुके हैं।

होलसेल मार्केट अंतिम दौर में है। रिटेल काऊंटर में जगह बनाने के बाद राखियों का सजाया जाना चालू हो चुका है। राहत की बात यह है कि इस वर्ष यह कारोबारी क्षेत्र पहली बार कीमत में 10 से 20% गिरावट की वजह से बेहतर डिमांड के आस में है। वैसे प्रारंभिक दौर की खरीदी से अच्छे बाजार की आशा व्यक्त की जा रही है।

Lumba and pearl pattern rakhis : 20 से 200 रुपए प्रति नग कीमत है लूम्बा में। मोती पैटर्न वाली राखियां 10 से 100 रुपए प्रति नग की दर पर मिलेंगी। हर क्रय शक्ति वाले उपभोक्ताओं के लिए तैयार की गई यह राखियां इसी वजह से मांग में हैं। दूसरी वजह है, इनका बेहद आकर्षक होना। इसके अलावा पसंद भी बदल रही है।

बहनों का रुझान इस वर्ष मौली धागे और रेशम की डोरियों को लेकर भी बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। यह नया बदलाव संस्थानों का उत्साह इसलिए बढ़ा रहा है क्योंकि बीते बरस तक दोनों की खरीदी का क्षेत्र बेहद सीमित था। नया बदलाव मानी जा रही है, इसकी खरीदी।

नया बदलाव ही है कि ग्रामीण मांग, स्पंज की राखियों में तेजी से कम हुई है। अब यहां की मांग में भी मोती पैटर्न और लूम्बा आने लगे हैं। यह नया बदलाव ऐसी इकाइयों को झटका देने वाला माना जा रहा है, जो स्पंज वाली राखियां बनाती है

सूरत, वृंदावन और कोलकाता से आने वाली राखियों की कीमत में 10 से 20% की गिरावट आई है। इसलिए खुदरा बाजार में मांग, बढ़त की ओर है। जैसे संकेत मिल रहे हैं उससे उम्मीद बन रही हैं, कि बाजार जोरदार होगा।

कीमत में गिरावट और खरीदी को लेकर नए परिवर्तन के बीच लूम्बा और मोती पैटर्न की राखियों की मांग अच्छी है।

  • बिहारी जोशी,श्री गणेश सीजनल शॉप,भाटापारा