Bhilai Breaking : जेल में रहकर दोस्ती फिर बनाया गिरोह, कार से रेकी और आधा दर्जन चोरियां… ऐसे पकड़ में आए बदमाश


भिलाई। पिछले कुछ दिनों से पुलिस के लिए सिरदर्द बनी चोरियों का मामला सुलझ गया है। दो दिन के भीतर प्रियदर्शिनी परिसर व नेहरू नगर में चार चोरियों को अंजाम देने के बाद आखिरकार बदमाश दुर्ग पुलिस की चाक चौबंध नाकेबंदी में फंस ही गए। खासबात यह है कि बदमाशों ने भागने के दौरान पुलिस की गाड़ी को भी टक्कर मारक्राइमब्रांच के आरक्षक कुचलने का भी प्रयास किया, लेकिन ऐसा नहीं कर सके। पुलगांव क्षेत्र में पुलिस ने गिरोह के तीन बदमाशों अनूप सिंह,अमित सिंह और राकेश कुशवाहा को गिरफ्तार किया है।

बता दें बीते कुछ दिनों में प्रियदर्शिनी परिसर व नेहरू नगर सहित अन्य पॉश इलाकों में चोरी की शिकायतें पुलिस को मिल रही थी। अकेले सुपेला थाना क्षेत्र में चार चोरियां दर्ज की गई। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए विशेष दिशा निर्देश दिए। इसके बाद सुपेला पुलिस व एंटी क्राइम व साइबर यूनिट की संयुक्त टीमों ने आरोपियों की पता तलाश शुरू की। पुलिस ने घटना स्थल के आसपास के सीसी टीवी फुटेज बरामद किए जिसमें एक सिल्वर रंग कार व तीन संदिग्धों की पहचान की गई।

पुलिस ने अब  सिल्वर रंग की कार की तलाश के लिए शहर में नाकेंदी की। नाकाबंदी के दौरान 7 अप्रैल को पुलगांव नाला के पास एक सिल्वर रंग की कार को देखा गया। पॉइंट पर रोका गया जिसमें से एक संदिग्ध व्यक्ति गाड़ी से बाहर निकलकर डियूटी पर लगे आरक्षक पर लोहे की राड से जानलेवा हमला किया। यह देखकर डियूटी स्थल पर लगे अन्य कर्मचारी कार की ओर दौड़े। तब तक वह व्यक्ति कार में बैठकर अपने अन्य साथियों के साथ जाने लगा जिसे देखकर आरक्षक के द्वारा अपने मोटर सायकल से पीछा करने का प्रयास किया तो बदमाशों ने कार बाइक पर चढ़ा दी और फरार हो गए।

सिल्वर रंग की कार की तलाश में नाकेबंदी
इसके बाद पुलिस सिल्वर रंग की कार की तलाश में अलग अलग प्वाइंट पर नाकेबंदी की। इस दौरान सोमवार 8 अप्रैल को सिल्वर रंग की कार को पुलगांव चौक में एमसीपी के दौरान एसीसीयू के कर्मचारियों के साथ घेराबंदी कर पकड़ा। पुलिस ने कार में सवार तीन बदमाशों को हिरासत में लिया और पूछताछ में तीनों ने आरक्षक पर कार चढ़ाने से लेकर हाल ही में हुई चोरियां करने की बात स्वीकार की।

भोपाल से निकले चोरी करने
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे 4 अप्रैल को भोपाल से सिल्वर रंग की मारूति कार से रायपुर एवं दुर्ग में चोरी करने निकले थे। 5.04.2024 को शाम करीबन 6 बजे रायपुर पहुंच कर रायपुर क्षेत्र का भ्रमण किया। इसके बाद यहां सूने मकान में ताला तोड़कर चोरी कर नगद रकम एवं सोने-चांदी के जेवरात लेकर फरार हो गये। इसके बाद दूसरे दिन भिलाई पहुंचे और सुपेला थाना क्षेत्र अंतर्गत 4 सूने मकान एवं भिलाई नगर थाना अंतर्गत 2 सूने मकान में 12 बजे से लेकर शाम 07 बजे तक 6 चोरियां की। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 10 लाख रुपए का मशरुका बरामद किया है।

जेल में हुई थी दोस्ती
पकड़े गए आरोपियों में कोलार रोड भोपाल निवासी अमित सिंह (35), राकेश कुशवाहा ( 34) और शहपुरा थाना शहपुरा भोपाल निवासी अनुप सिंह शामिल हैं। इनमें से दो एक ही जगह के हैं और तीसरे से इनकी दोस्ती जेल में हुई। जेल से ही तीनों ने गिरोह बनाया। 22 साल की उम्र से यह चोरी कर रहे हैं। भोपाल व आसपास के क्षेत्र में यह मोस्ट वांटेट बन गए थे इसलिए चोरी के लिए छत्तीसगढ़ राजधानी रायपुर व दुर्ग भिलाई को चुना। रायपुर में वारदात के दुर्ग पुलिस की पकड़ में आ गए।

आईजी ने की नगद इनाम की घोषणा
आरोपियों की गिरफ्तारी में एण्टी क्राईम सायबर यूनिट से प्रधान आरक्षक प्रदीप सिंह, चंद्रशेखर बंजीर, आरक्षक जी रवि, चित्रसेन साहू, धीरेन्द्र यादव, राजकुमार चंद्रा, सनत भारती, शौकत हयात खान, फारूख खान, कोमल राजपुत, तिलेश्वर राठौर, विक्रांत कुमार, नरेन्द्र सहारे की उल्लेखनीय भूमिका रही। दुर्ग रेंज के आईजी रामगोपाल गर्ग द्वारा टीम को नगद इनाम देने की घोषणा की गई है। वहीं दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने केस सुलझाने वाले कर्मचारियों को प्रशस्ती पत्र देने की घोषणा की।