Physical Address
304 North Cardinal St.
Dorchester Center, MA 02124
रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हत्या का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। महिला के दूसरे पति की उसके पहले पति ने टांगी मारकर हत्या कर दी। पत्नी द्वारा दूसरा पति बना लेने के कारण पहला पति मौके की तलाश में था। मौका मिलते ही उसने अपनी पत्नी के दूसरे पति को बहाने से जंगल ले गया और टांगी मारकर हत्या कर भाग गया। जब पति नहीं लौटा तो महिला ने अपने पहले पति से पूछा तो उसने हत्या करना बताया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह पूरा मामला रायगढ़ जिले के छाल थाना क्षेत्र का है।
मिली जानकारी के अनुसार 24 दिसंबर को की रात को ग्राम बोजिया की रहने वाली सुकवारो बाई (50) अपने दो बच्चों के साथ साथ पहुंचकर इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई। उसने अपनी शिकायत में बताया कि उसकी शादी पूर्व में दिलसाय सारथी से हुई थी। उसके तीन बच्चे भी हैं। पति से बार बार विवाद होने के कारण उसने घर छोड़ दिया और मायके में रहने लगी। सुकवारो सक्ती जिले में रहने वाले जुगनू सारथी को पति बनकर मायके में रहने लगी तो अपने बच्चों से मिलने बीच-बीच में ग्राम बोजिया आता था और 20 साल से जुगनू के सुकवारो को पत्नी बनाकर रखने के कारण पत्नी और बच्चे बात नहीं करते थे जिससे जुगनू पर रंजिश रखता था
लकड़ी काटने के बहाने ले गया जंगल
इसके बाद से दिलसाय मौका ढूंढने लगा। 23 दिसंबर के दोपहर जुगनू सारथी व सुकवारो का पहला पति जंगल की ओर गए। इसके बाद दिलसाय लौट आया लकिन जुगनू वापस नहीं लौटा। जब सुकवारो ने दिलसाय से पूछा उसने बताया कि जुगनू को अकेले मोटरसाइकिल में कहीं जाते देखा है। 23 और 24 दिसंबर के शाम तक जुगनू को उसके घर वाले ढूंढे, पता नहीं चलने पर फिर दिलसाय से पूछा गया। इस बार उसने सच्चाई बता दी। उसने बताया कि जुगनू सारथी की पुसलदा बांध के पास टांगी से मारकर हत्या कर दी। इसके बाद मामला थाने पहुंचा और पुलिस की टीम ने मौके पर जाकर शव को बरामद किया। घटनास्थल का निरीक्षण कर शव का पंचनामा कार्रवाई कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस ने आरोपी के मेमोरेंडम पर घटना में प्रयुक्त लोहे का टांगी और घटना समय पहने आरोपी दिलसाय के कपड़े बरामद कर आरोपी दिलसाय सारथी पिता स्वर्गीय रामरतन सारथी (55) को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। संपूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी छाल निरीक्षक त्रिनाथ त्रिपाठी, प्रधान आरक्षक दादूराम सिदार, आरक्षक गोविंद बनर्जी, हरेंद्र पाल सिंह जगत, सतीश जगत की अहम भूमिका रही है।