CG Cabinet: सीएम-डिप्टी सीएम के बाद अब नई केबिनेट का इंतजार, जल्द शपथ ले सकते हैं 10 मंत्री


भिलाई । छत्तीसगढ़ में नए मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों की ताजपोशी के बाद अब नई केबिनेट का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद से ही मंत्रियों के नामों को लेकर कयास लग रहे हैं। माना जा रहा है कि जिस तरह से हाईकमान ने प्रदेश को पहले चौंकाया था, इसी तर्ज पर मंत्रियों के नाम भी चौंकाने वाले हो सकते हैं। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इसके संकेत भी दिए थे। उन्होंने कहा था कि इस बार के केबिनेट में नए और अनुभवी विधायकों का सामंजस्य होगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के शपथ ग्रहण के बाद अब नई कैबिनेट का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। प्रदेश में साय कैबिनेट के भावी मंत्रियों के नाम पर चर्चाएं शुरू हो गई है। राजभवन के सूत्रों के मुताबिक काफी मंथन व सुझावों के बाद प्रधानमंत्री ने बंद लिफाफे में मंत्रियों के नामों को हरी झंडी दे दी है। नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह 16 दिसंबर या इससे पहले हो सकता है,क्योंकि 16 दिसंबर शाम चार बजे से खरमास लग रहा है। मान्यता है कि इस दिन से शुभ काम नहीं होते हैं। भाजपा सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह इससे पहले हो सकता है। बुधवार को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के बाद अब केबिनेट मंत्रियों के नामों पर चर्चाएं शुरू हो चुकी है। राजभवन के सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल बिस्वभूषण हरिचंदन दिल्ली रवाना हो चुके हैं। वे 16 दिसंबर को लौटेंगे। इसके बाद ही शपथ ग्रहण समारोह होगा। अब शपथ ग्रहण करवाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।

सीएम के साथ लेनी थी मंत्रियों को भी शपथ…
13 दिसंबर को मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के आमंत्रण पत्र में मुख्यमंत्री सहित मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण का जिक्र किया गया था, लेकिन मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण नहीं हुआ। इस पर कई तरह के कयास लगाएं जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार ने प्रोटोकाल के तहत सभा स्थल पर मंत्रियों के लिए गाडिय़ां भी खड़ी करवा दी थी, लेकिन छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल की जो लिस्ट बनाई गई थी, उसे दिल्ली से स्वीकृति नहीं मिली, लिहाजा एक नई लिस्ट तैयार की गई। सभा स्थल पर तीन अलग-अलग मंच बनाएं गए थे। एक मंच में सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा दो मंचों पर वीवीआइपी की व्यवस्था थी। इन्हीं वीवीआइपी मंचों पर मंत्रियों को बिठाया जाना था।

…ये हो सकते हैं केबिनेट में शामिल
भाजपा के मंत्रिमंडल में पांचों संभागों का प्रतिनिधित्व देखा जाएगा, जिसमें रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा, बस्तर व दुर्ग शामिल हैं। संभावित कैबिनेट मंत्रियों में बृजमोहन अग्रवाल, ओपी चौधरी, राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, रेणुका सिंह, पुन्नूलाल मोहले, अजय चंद्राकर, विक्रम उसेंडी, केदार कश्यप, रामविचार नेताम और धरमलाल कौशिक को जगह मिल सकती है। हालांकि ये संभावित नाम हैं। पार्टी आलाकमान संभव है कि इन नामों में आंशिक फेरबदल कर दे। ऐसी भी खबर आ रही है कि जिन सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़वाया गया, उनकी फिर से केन्द्रीय स्तर पर सेवाएं ली जा सकती है। यानी उन्हें फिर से लोकसभा का चुनाव लड़वाया जा सकता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, केबिनेट गठन में जातीय, सामाजिक समीकरणों के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक समीकरणों को भी ध्यान में रखा जाना है।

निगम मंडलों के लिए भी होगी कवायद
इधर, जिन नए चेहरों ने पहली बार चुनाव जीता है या जिन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेताओं को हराकर बड़ी जीत दर्ज की और राज्य में भाजपा की सरकार बनाने में अहम् भूमिका निभाई, उन्हें निगम मंडलों में अडजस्ट किया जाएगा। भाजपा ने डॉ. रमन सिंह की सरकार रहते विधायकों को संसदीय सचिव बनाने का भी प्रयोग किया था। इसके तहत जिन मंत्रियों के पास एकाधिक विभाग थे, उनके कुछ विभागों का प्रभार संसदीय सचिवों को सौंपा गया था। छत्तीसगढ़ में इस बार भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की है, लिहाजा जीत दर्ज करने वाला प्रत्येक विधायक अपने लिए कहीं न कहीं संभावनाएं तलाश रहा है। हालांकि फिलहाल पार्टी संगठन और सत्ता का पूरा ध्यान नए मंत्रिमंडल के गठन पर है। इसके बाद मोदी की गारंटियों को बेहतर तरीके से क्रियान्वित करने की भी जिम्मेदारी सरकार पर है। इसलिए निगम मंडलों की कवायद बाद में होगी।