CG Elections Breaking  सिमटता नजर आ रहा है कांग्रेस का 75 पार का दावा


CG Elections Breaking  रायपुर ! विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बागी और भितरघाती सीटों का समीकरण बिगाड़ सकते हैं। दोनों पार्टियों की समीक्षा बैठकों में यह फीडबैक मिला है। इसमें सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस को हो रहा है। इससे कांग्रेसियों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं।इसलिए कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने अलग अलग संभाग के कांग्रेसी प्रत्याशियों से वन टू वन चर्चा की. ये रिजल्ट के आने से पहले कांग्रेस सभी 90 सीटों पर क्या स्थिति है इसको लेकर मीटिंग की गई.

CG Elections Breaking   छत्तीसगढ़ में 90 सीटों पर वोटिंग पूरी हो चुकी है. अगले महीने तीन दिसंबर को ईवीएम खुलने के साथ छत्तीसगढ़ में किसकी सरकार बनेगी ये तय होगा. लेकिन इससे पहले कांग्रेस पार्टी में हलचल तेज हो गई है. विधानसभा चुनाव में बीस बागियों में 12 कांग्रेस और आठ भाजपा के हैं। इनके अलावा 15 सीटों पर कांग्रेस को भितरघातियों से भी नुकसान पहुंचने की आशंका है। इस तरह कांग्रेस को 27 सीटों पर नुकसान हो रहा है, जिससे कांग्रेस का 75 पार का दावा सिमटता नजर आ रहा है।हालांकि 27 सीटों के नुकसान के बाद भी कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ में सरकार बना सकती है लेकिन सरकार बनने के बाद मुख्यमत्री का चेहरा किसे प्रोजेक्ट किया जायेगा इस पर राय अभी भी नहीं बन पाई है ,लेकिन पार्टी के दवारा जिसके नाम पर मुहर लगाया जायेगा ,उसमे सभी की सहमति हो पार्टी के विधायक बिखरे ना इसे भी लेकर कुमारी सेलजा से विधायक प्रत्याशियों से चर्चा की। … ,

CG Elections Breaking  छत्तीसगढ़ में मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कांग्रेस-भाजपा दोनों ही दलों ने हार-जीत के अंकगणित पर मंथन करना शुरू कर दिया है। भाजपा ने चुनाव के दौरान ही एक निजी कंपनी को फीडबैक लेने को जिम्मेदारी सौंप दी थी। इस कंपनी ने पार्टी को रिपोर्ट दी है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। भाजपा से प्रदेश चुनाव सह प्रभारी डॉ. मनसुख मांडविया इस रिपोर्ट को लेकर दिल्ली पहुंच गए हैं। इस रिपोर्ट पर मंथन किया जाएगा। इधर, कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने शनिवार ओर रविवार को राजीव भवन में एक-एक सीट पर चुनावी मंथन किया। मथन से आये रिपोर्ट को कुमारी शैलजा दिल्ली पहुंच गयी है।

कांग्रेस और भाजपा के बीच अब बराबरी की टक्कर दिख रही है। तीन दिसंबर को परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा कि बागियों और भितरघातियों ने किस पार्टी को कितना नुकसान पहुंचाया है और किसकी सरकार छत्तीसगढ़ में बन रही है।