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रायपुर ( न्यूज़)। विधानसभा चुनाव की तर्ज पर भाजपा जल्द ही लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों का ऐलान भी करने जा रही है। इसकी तैयारियां करीब-करीब पूरी हो चुकी है। छत्तीसगढ़ की कई सीटों पर पार्टी की पैनी नजर है। इन सीटों के लिए पहले चरण में प्रत्याशी घोषित होंगे। राज्य में कुल 11 लोकसभा की सीटें हैं। माना जा रहा है कि पार्टी के आज से होने जा रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद पार्टी पूरी तरह से चुनावी मोड में आ जाएगी। इस अधिवेशन में शामिल होने के लिए सीएम विष्णुदेव साय समेत छत्तीसगढ़ की पूरी सरकार दिल्ली गई हुई है। इसके अलावा सांसद, विधायक और जिलों के अध्यक्षों को भी बुलाया गया है। राज्य से 300 से ज्यादा नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं। अधिवेशन में संगठन के कार्यक्रमों और आगामी कार्ययोजना पर चर्चा होनी है। इसके अलावा राज्यों से पहुंचने वाले नेताओं को चुनावी टिप्स भी दिए जाएंगे।
दिल्ली में शनिवार से होने जा रहे भाजपा के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने को छत्तीसगढ़ से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत 310 नेता दिल्ली पहुंच गए हैं। एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री साय ने बताया कि इस अधिवेशन में प्रदेश के मंत्री, सांसद, विधायक, जिलों के अध्यक्ष समेत अन्य नेता शामिल होंगे। कहा जा रहा है कि लोकसभा की रणनीतिक तैयारी को लेकर भी अधिवेशन में चर्चा हो सकती है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण सिंह देव ने बताया कि दो दिनों के कार्यक्रम में संगठन के कार्यक्रमों और आगामी अभियानों पर बात होगी। प्रदेश में पार्टी के काम को और ज्यादा बेहतर कैसे बनाया जाए, इस पर भी चर्चा होगी। राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ प्रगति मैदान के भारत मंडपम में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे। इसके लिए पंजीकरण आज सुबह 11 बजे से शुरू किया गया। उद्घाटन सत्र दोपहर तीन बजे होना था। अधिवेशन के दौरान राजनीतिक प्रस्ताव पर चर्चा होगी और लोकसभा चुनाव की दृष्टि से विचार-विमर्श होगा। विभिन्न राज्यों में हो रही चुनावी तैयारियों का भी प्रजेंटेशन भी होगा। समापन सत्र 18 फरवरी को दोपहर दो बजे से आयोजित किया जाएगा। उपस्थित कार्यकर्ताओं का पीएम मोदी मार्गदर्शन करेंगे।
संगठन में कामों का बंटवारा
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज कर दिया है। पार्टी लोकसभा चुनाव को लेकर अलग-अलग अभियान चला रही है। वहीं कार्यकर्ताओं को भी काम बांटे जा रहे हैं। इसके साथ ही जाति समीकरण को साधने के लिए पदाधिकारियों की नियुक्ति भी की जा रही है। बता दें कि बीजेपी ने प्रदेश में प्रदेश महामंत्रियों के काम का बंटवार किया है। इसक साथ ही ओबीसी मोर्चा समेत अन्य मोर्चा में पदाधिकारियों की नियुक्ति भी की है। संजय श्रीवास्तव को दुर्ग संभाग का जिम्मा दिया गया है। वे वहां हो रही गतिविधियों पर नजर रखेंगे। इसके साथ ही संभाग में होने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा भी बताएंगे। इसके साथ ही जगदीश रोहरा बस्तर संभालेंगे और रायपुर संभाग, बीजेपी के केंद्रीय कार्यक्रम-मुख्यालय प्रभारी की कमान भी उन्हें सौंपी गई है। बिलासपुर संभाग भरतलाल वर्मा संभालेंगे। उन्हें त्रिस्तरीय पंचायत समस्त मोर्चा, नेताओं के प्रवास की जिम्मेदारी दी गई है। रामजी भारती को सरगुजा संभाग-समस्त मोर्चा की जिम्मेदारी दी गई है। ये सभी अपने-अपने संभाग में चुनावी गतिविधि का खाका तैयार करेंगे।
तुलसी साहू को बनाया प्रदेश महामंत्री
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले जातीय समीकरण को साधने के लिए अलग-अलग मोर्चा में नियुक्ति की है। इसमें राकेश चंद्राकर ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं। राजेंद्र नायक प्रदेश उपाध्यक्ष, खिलावन साहू, टेकेश्वर जैन प्रदेश महामंत्री और तुलसी साहू को प्रदेश मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही तोखन साहू को बीजेपी किसान मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। कोमल सिंह राजपूत प्रदेश उपाध्यक्ष, ओम प्रकाश प्रदेश महामंत्री, आलोक ठाकुर प्रदेश महामंत्री बनाए गए हैं।
पूर्ववर्ती सरकार का काम निशाने पर
कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के कामकाज को भाजपा की विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली सरकार ने निशाने पर लिया है। पूर्ववर्ती सरकार की कई योजनाओं की जांच कराने की तैयारी है। आरोप है कि कांग्रेस की सरकार ने इन योजनाओं के माध्यम से बड़े स्तर पर घोटाले किए हैं। विधानसभा में सभी मंत्री अपने-अपने विभागों को लेकर अलर्ट हैं और ताबड़तोड़ तरीके से जांच की घोषणाएं हो रही है। स्कूल शिक्षामंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आत्मानंद स्कूलों में 800 करोड़ के मेंटनेंस घोटाले का आरोप लगाकर जांच की घोषणा की है तो पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा ने रीपा प्रोजेक्ट में 600 करोड़ की गड़बड़ी की बात कही। खेल व युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने राजीव युवा मितान योजना पर सवाल उठाए हैं। इन सभी के साथ ही सीजीपीएससी भर्ती की भी जांच का ऐलान किया जा चुका है। सभी योजनाओं में गड़बड़ी साबित होती है तो भाजपा को राजनीतिक फायदा मिलने की संभावना है। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच भाजपा के लिए यह भी एक चुनावी हथियार के रूप में काम करेगा। विधायक अजय चंद्राकर इस पर खुलकर बोलते हैं। उनके मुताबिक, पूर्ववर्ती सरकार ने जितनी भी योजनाएं बनाई, वह पैसा खाने के लिए बनाई गई थी। उनका जनहित से कोई सरोकार नहीं था। इनकी जांच तो होगी ही, जहां तक लोकसभा चुनाव को लेकर प्रश्न है तो लोकसभा में कांग्रेस कहीं पर भी मुकाबले में नहीं है। योजनाओं का नाम बदलने का खेल तो भूपेश ने किया है हम जांच करा रहे हैं।