CG Politics: फिर अटके कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम, 5 सीटों पर नहीं मिले जीतने योग्य प्रत्याशी, दूसरी सूची के लिए नामों पर संशय बरकरार


रायपुर ( न्यूज़)। इसे मोदी लहर का असर कहें या दमदार प्रत्याशियों का अभाव, लेकिन कांग्रेस को जीतने योग्य प्रत्याशी नहीं मिल पा रहे हैं। मंगलवार को कांग्रेस की दूसरी सूची जारी हुई तो छत्तीसगढ़ के बाकी बचे 5 प्रत्याशियों के नाम नदारद थे। जबकि राज्य में प्रत्याशियों के नामों का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था। कहा जा रहा है कि अब अगली सूची 3-4 दिनों बाद ही आएगी। यानी टिकट के दावेदारों का इंतजार फिर बढ़ गया है। भाजपा ने पहले ही सभी 11 प्रत्याशी घोषित कर बाजी मार ली थी। कुछ महीनों पहले सम्पन्न विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की घोषणा में पिछड़ गई थी। माना जाता है कि इसी वजह से चुनाव के नतीजों पर सीधा असर पड़ा। कांग्रेस के जानकारों का कहना है कि यदि प्रत्याशी की घोषणा में इसी तरह देरी होती रही तो उसे एक बार फिर दिक्कत हो सकती है।

मंगलवार को आई कांग्रेस की दूसरी सूची के बाद छत्तीसगढ़ की बाकी बची पांच लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों का इंतजार बढ़ गया है। उम्मीद की जा रही थी कि कांग्रेस की दूसरी सूची में बाकी बची 5 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। राजधानी स्थित कांग्रेस दफ्तर में प्रत्याशियों के नामों को लेकर बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था, लेकिन छह राज्यों के 43 प्रत्याशियों में से छत्तीसगढ़ के प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं हुए। प्रदेश में लोकसभा क्षेत्र कांकेर, सरगुजा, बस्तर,रायगढ़, बिलासपुर के लिए प्रत्याशियों की घोषणा होना बाकी है। इससे पहले कांग्रेस ने छह लोकसभा सीटों में से कोरबा से ज्योत्सना महंत, महासमुंद से ताम्रध्वज साहू, जांजगीर चांपा से शिवकुमार डहरिया, रायपुर से विकास उपाध्याय, दुर्ग से राजेंद्र साहू और राजनांदगांव से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रत्याशी घोषित किया था। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक के बाद मंगलवार को दूसरी सूची जारी की गई थी।

बस्तर सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। यहां से विगत चुनाव में दीपक बैज चुनाव जीते थे, जो वर्तमान में पीसीसी के चीफ भी हैं। बावजूद इसके इस सीट पर भी नाम घोषित करने में कांग्रेस कतरा गई है। संशय इस बात पर भी है कि प्रदेश अध्यक्ष को लोकसभा का चुनाव लड़वाया जाए या नहीं। बताया गया है कि जिन 5 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार तय नहीं कर पा रही है, उनके नाम पैनल में फंसे हुए हैं। इसके लिए एक सब कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जाएगा। इसके चलते टिकट के दावेदारों की धड़कनें बढ़ी हुई है। कई दावेदार लगातार दिल्ली के चक्कर लगा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि बाकी बचे प्रत्याशियों के नाम अब 15 मार्च के बाद ही तय होंगे। यानी नामों की घोषणा में और विलम्ब होना तय है। दरअसल, केंद्रीय चुनाव समिति ने प्रदेश से 1-1 नाम का पैनल मांगा था। इसके लिए स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक भी हुई थी। जिन क्षेत्रों में एक नाम पर सहमति नहीं बनी उन नामों का पैनल बनाकर केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा गया था। जहां एक नाम पर सहमति बनी, उन लोकसभा सीटों में प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया गया। वहीं पैनल में एक से अधिक नाम आने की वजह से 5 सीटों पर घोषणा नहीं हो सकी। बताया गया है कि केंद्रीय चुनाव समिति ने छत्तीसगढ़ को छोड़कर दीगर राज्यों की सीटों पर मंथन शुरू कर दिया है। इसी के तहत मंगलवार को दूसरी सूची जारी हुई जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रत्याशियों के नाम शामिल नहीं थे।

जीते सांसद पर भी भरोसा नहीं?
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के दो सांसद विगत लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुए थे। इनमें से एक कोरबा सीट पर ज्योत्सना चरणदास महंत के नाम का ऐलान किया जा चुका है, लेकिन दूसरी सीट बस्तर से नाम रोक लिया गया है। इस क्षेत्र से दीपक बैज कांग्रेस सांसद हैं। कांग्रेस के ही भीतर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि पार्टी अपने सांसदों पर भी भरोसा नहीं कर पा रही है। इसे मोदी मैजिक के साथ जोड़कर भी देखा जा रहा है। सीईसी यह तय नहीं कर पा रही है कि दीपक बैज को चुनाव लड़वाया जाए या नहीं। इसकी प्रमुख वजह यह है कि बैज प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। उनके कंधों पर प्रदेश के चुनाव की जिम्मेदारी है। पार्टी नेताओं का मानना है कि यदि दीपक बैज स्वयं चुनाव लड़ेंगे तो बाकी की सीटों पर फोकस नहीं रख पाएंगे। इससे पार्टी को नुकसान हो सकता है। हालांकि सूत्रों का दावा है कि दीपक बैज की टिकट देर सबेर फायनल हो जाएगी।

दिग्गज प्रत्याशी चाहती है कांग्रेस
चुनाव समिति की बैठक में तय किया गया था कि दिग्गज नेताओं को मैदान में उतारना है। लेकिन टीएस सिंहदेव, चरणदास महंत समेत कई नेताओं ने चुनाव लडऩे से इनकार कर दिया था। लेकिन अब जो खबर छनकर आ रही है, उसके मुताबिक, बाकी बची 5 सीटों पर दिग्गज नेताओं की उम्मीदवारी करीब करीब तय है। कांग्रेस की सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे टीएस सिंहदेव का नाम बिलासपुर सीट से प्रस्तावित किया गया था, लेकिन उन्होंने पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए चुनाव नहीं लडऩे की बात कही। अब कांग्रेस यहां से ओबीसी प्रत्याशी पर जोर दे रही है। कांकेर सीट से पूर्व मंत्री अनिला भेडिय़ा का नाम चर्चा में है। यहां से बीरेश ठाकुर व नरेश ठाकुर के नाम भी पैनल में हैं। बस्तर सीट से दीपक बैज के अलावा विधायक कवासी के पुत्र हरीश लखमा और विधायक लखेश्वर बघेल का भी नाम है। सरगुजा से शशि सिंह और पूर्वमंत्री अमरजीत भगत का नाम है तो रायगढ़ से डॉ. मेनका सिंह, लालजीत राठिया, चक्रधर सिदार और रामनाथ सिदार का नाम लिया जा रहा है।

सब क्लियर है, कोई दिक्कत नहीं- बैज
सीईसी ने छत्तीसगढ़ की सीटों पर सहमति नहीं बन पाने के बाद दीगर राज्यों की सीटों पर मंथन शुरू कर दिया है। इसके चलते छत्तीसगढ़ की बाकी बची सीटों की घोषणा में विलम्ब होना तय है। वहीं पीसीसी चीफ दीपक बैज ने स्पष्ट किया है कि नामों को लेकर कोई दिक्कत नहीं है। सब क्लियर है। दिल्ली से वापस लौटने के बाद मीडिया से चर्चा में दीपक बैज ने कहा कि प्रत्याशियों के नामों को लेकर सीनियर नेताओं से चर्चा हुई है। सब-कमेटी में चर्चा के बाद जल्द ही सूची जारी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी भी मंशा है कि जल्द से जल्द बाकी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा हो, लेकिन सब-कमेटी अपना फैसला लेगी।