CG Politics: महतारी या न्याय… फैसला करेंगी महिलाएं! आधी आबादी के फैसले से तय होंगे छत्तीसगढ़ में लोकसभा के नतीजे


रायपुर ( न्यूज़)। महतारी वंदन योजना की अपार सफलता के बाद कांग्रेस ने भी नारी न्याय योजना की गारंटी देते हुए महिलाओं का दिल जीतने की कोशिश शुरू की है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव से ऐन पहले मोदी की गारंटी के रूप में महतारी वंदन योजना के जरिए महिलाओं को साधने की कोशिश की थी। पार्टी को इसमें सौ फीसद सफलता भी मिली। माना जाता है कि कांग्रेस को राज्य से सच्चात्युत करने में इस योजना की गारंटी ने अहम् भूमिका निभाई। अब इसी तर्ज पर कांग्रेस नारी न्याय योजना की गारंटी लेकर आई है। इसके तहत महिलाओं को सालाना एक लाख रूपए दिए जाने का प्रस्ताव है। लेकिन यह तब होगा, जब केन्द्र में कांग्रेस की सरकार आएगी। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सांसद प्रत्याशियों ने इसके लिए महिलाओं को साधने की जुगत ते•ा कर दी है। बाकायदा नारी योजना के फार्म वितरित किए जा रहे हैं। वहीं, राज्य की भाजपा सरकार ने महिलाओं के खाते में महतारी योजना के तहत एक किश्त जारी कर दी है और दूसरी किश्त भी जल्द ही आने वाली है। ऐसे में महिलाओं को फोकस कर तैयार की गई इन गारंटियों का चुनाव के नतीजों पर सीधा असर पडऩे की संभावना है।

लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है। विधानसभा चुनाव में मात खाने वाली कांग्रेस इस बार कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाह रही है। पार्टी भी महिला वोटरों को लुभाने के लिए अब भाजपा की राह पर चल पड़ी है। पार्टी ने भाजपा को काउंटर करने के लिए अपनी योजना लॉन्च की है। भाजपा की महतारी वंदन योजना के मुकाबले कांग्रेस ने महालक्ष्मी नारी न्याय गारंटी योजना लॉन्च की है। जनता पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा ये तो चुनाव नतीजों में पता चलेगा लेकिन इतना तय है कि इस बार का लोकसभा चुनाव शानदार होने जा रहा है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पुरुष से ज्यादा महिला मतदाताओं की संख्या है। यही कारण है कि कांग्रेस महिला मतदाताओं को साधने की तैयारियों में जुट गई है। कांग्रेस अपनी महालक्ष्मी नारी न्याय गारंटी को लेकर घर-घर पहुंचने की रणनीति बना चुकी है। पार्टी ने इसकी शुरुआत भी कर दी है।

भाजपा दे रही 1 हजार
विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान भाजपा ने महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को 1000 रूपए प्रतिमाह देने का एलान किया था। चुनाव के वक्त से ही फॉर्म भरवाने शुरु कर दिए गए। विवाद बढ़ा तो फॉर्म भरने पर रोक लगा दी गई। सरकार बनते ही भाजपा ने अभियान चलाकर महिलाओं के फार्म भरवाए। अब कांग्रेस ने भाजपा की इसी गारंटी की तर्ज पर लोकसभा चुनाव में महालक्ष्मी नारी न्याय गारंटी के तहत एक लाख प्रतिवर्ष देने का वायदा किया है। भाजपा ने कांग्रेस की इस योजना को बेवकूफ बनाने वाला बताया है। उसके मुताबिक, कांग्रेस पहले भी इस तरह के जाल में जनता को फँसाती आई है। सियासी मामलों के जानकारों का कहना है कि योजना ठीक है, लेकिन इसका फायदा कैसे जनता तक पहुंचेगा ये बड़ा मुद्दा होगा। मतदाता किस पर भरोसा करेंगे, यह अलग बात है। मोदी की गारंटी और कांग्रेस का दावा दोनों के बीच जनता चुनाव के वक्त ही अपना फैसला वोटों के जरिए देगी।

दोनों दलों के दावे-प्रतिदावे
भाजपा मीडिया प्रमुख अमित चिमनानी ने कांग्रेस की गारंटी को छलावा बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पहले भी इस तरह की घोषणाएं करती रही है, जिसे पूरा करने में वो नाकाम रही। कांग्रेस दरअसल जनता का भरोसा खो चुकी है। पिछले विधानसभा चुनाव में उसने महिलाओं को 500 रूपए देने का वायदा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद 5 रूपए भी नहीं दिए। ऐसे में 1 लाख कैसे देगी? चिमनानी ने कहा कि कांग्रेस की यह घोषणा स्वयं उसके लिए आत्मघाती साबित होगी, जबकि भाजपा पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वहीं, कांग्रेस माीडिया विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने महालक्ष्मी योजना को महतारी वंदन योजना से 8 गुना बेहतर बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 3 महीने में महज 1 बार महतारी वंदन योजना की राशि दी है। जबकि कांग्रेस हर साल एक लाख रूपए महिलाओं को देगी। जो हर महीने 8333 रूपए होती है। भाजपा ने महिलाओं को सिर्फ झुनझुना पकड़ाया है।

महिलाएं तय करती है नतीजे
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेश में शराबबंदी का वायदा किया था। भले ही सत्ता में आने के बाद कांग्रेस शराबबंदी नहीं कर पाई, लेकिन चुनाव पूर्व किए गए इस वायदे का खासा असर नतीजों के रूप में देखने को मिला। इस चुनाव में बड़ी संख्या में महिलाओं ने वोटिंग की और करीब 50 फीसद वोट पाकर कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनाई। महिलाओं को अपने पाले में लाने के लिए ही 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने महतारी योजना की गारंटी दी। इस बार भी महिलाओं ने बढ़-चढ़कर वोटिंग की और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। इसके अलावा गैस और बिजली पर सब्सिडी, महिलाओं के खाते में सीधे पैसों का भुगतान जैसे कई और कारणों से महिला वोटरों को लुभाने की कोशिश हुई। हालांकि फिलहाल कांग्रेस की महालक्ष्मी योजना महिलाओं के बीच यथोचित तरीके से नहीं पहुंची है, लेकिन एक बड़ा पेंच यह भी है कि योजना का लाभ तभी मिलेगा, जब केन्द्र में कांग्रेस की सरकार बनेगी। आम मतदाताओं में इसे लेकर संशय है।

…इसलिए महिलाओं पर फोकस
छत्तीसगढ़ में कुल मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 5 लाख 13 हजार 252 है। इनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 1 लाख 80 हजार 405 और महिला मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 3 लाख 32 हजार 315 है। आंकड़ों से स्पष्ट है कि राज्य में पुरूष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या करीब 2 लाख ज्यादा है। दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने इसी आधार पर महिला प्रधान योजनाओं को लक्ष्य बनाया है। विधानसभा चुनाव में इसका प्रभाव साफ तौर पर दिखा और भाजपा को इसका पूरा-पूरा फायदा मिला, जबकि कांग्रेस महिला वोट-बैंक को दूर जाते हुए देखती रह गई। कांग्रेस का आरोप है कि महतारी योजना के तहत भाजपा जो 1 हजार रूपए दे रही है, उससे महीनेभर की सब्जी भी नहीं आती है। इसीलिए महिलाओं को हर महीने 8333 रूपए देने का वायदा किया गया है। हालांकि डिप्टी सीएम विजय शर्मा के अपने तर्क हैं। वे मतदाताओं के भरोसे पर जोर देते हैं। उनके मुताबिक, कांग्रेस ने अपने पुराने वायदों को ही पूरा नहीं किया है।