छत्तीसगढ़ में नई औद्योगिक नीति के लिए चेम्बर ने दिए सुझाव, गुजरात मॉडल पर फोकस


भिलाई। छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित नई औद्योगिक नीति 2024-29 के लिए छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। बुधवार को इसे लेकर उद्योग भवन, तेलीबांधा रायपुर में वाणिज्य एवं उद्योग विभाग  के सचिव अंकित आनंद की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ चेम्बर के पदाधिकारियों के साथ विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए। छत्तीसगढ़ चेम्बर ने गुजरात मॉडल एकल खिड़की प्रणाली लागू करने की भी मांग रखी।

छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश महामंत्री अजय भसीन ने बताया कि उद्योग संचालनालय, छत्तीसगढ़ द्वारा राज्य की प्रस्तावित नवीन औद्योगिक नीति 2024-29 का प्रारूप तैयार करने वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा पत्र प्राप्त हुआ जिसके संदर्भ में चेंबर भवन में विभिन्न औद्योगिक संस्थानों एवं उनके पदाधिकारी की बैठक आहूत की गई जिसमें चेम्बर द्वारा राज्य की नवीन औद्योगिक नीति से संबंधित महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। उक्त बैठक में आलोक त्रिवेदी, संयुक्त सचिव वाणिज्य एवं उद्योग विभाग और अतिरिक्त निदेशक उद्योग निदेशालय छत्तीसगढ़ शासन, प्रवीण शुक्ला अपर निदेशक एसआईपीबी (राज्य निवेश संवर्धन बोर्ड), अनिल श्रीवास्तव कार्यकारी निदेशक, सीएसआईडीसी, संजय गजघाटे संयुक्त निदेशक उद्योग निदेशालय छत्तीसगढ़ शासन उपस्थित रहे।

व्यापार को लेकर चेम्बर के सुझाव
व्यापार को लेकर को ने चेम्बर ने एकल खिड़की प्रणाली (गुजरात मॉडल ), वन स्टेट वन लाइसेंस, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट, कृषि आधारित उद्योग, फूड पार्क, कोल्ड स्टोरेज आदि के सुझाव दिए। साथ ही डैडम् एक्ट में संशोधन पश्चात सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्योगों की श्रेणी वर्गीकृत करने हेतु नए नियमों को आधार माना जाना चाहिए।इसके साथ ही कच्चे माल की उपलब्धता (आयरन एंड स्टील), फर्नीचर उद्योग सम्बन्धी, सोलर उद्योग,  विनियामक आयोग का गठन किया जाना चाहिए। धान प्रसंस्कृत उत्पाद को बढ़ावा मिलना चाहिए।

औद्योगिक क्षेत्रों में मुलभुत सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के सम्बन्ध में चेम्बर ने कहा कि स्टेट पर्चेसिंग में प्रदेश के सूक्ष्म,लघुएवं मध्यम उद्योगों को राज्य सरकार प्राथमिकता दी जाए। स्थानीय स्तर पर रोजगार देने पर उद्योगों को रियायत दी जाए। इसके साथ ही प्रदूषणमुक्त उद्योग को लेकर आद्योगिक अपशिष्ट, ट्रांसपोर्टेशन के साथ ही दल्लीराजहरा क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने का सुझाव दिया गया। इसके अलावा बिजली,  भूमि, हेल्थ एवं सेफ्टी, श्रम कानून आदि पर भी सुझाव दिए। साथ ही सब्सिडी से सम्बंधित अन्य सुझावों में डायवर्सन शुल्क माफी, उत्पादन से जुड़ी सब्सिडी, राज्य सरकारी खरीद सहायता, प्रदर्शनी समर्थन व नए मॉडल विकास एवं डिजाइन सब्सिडी के लिए सुझाव दिए।

अजय भसीन ने कहा कि मेगा परियोजना से सम्बंधित उद्योगों को बढ़ावा देने एवं उन्हें प्रोत्साहित करने हेतु सब्सिडी  योजना को त्वरित रूप से क्रियान्वित किया जाना चाहिए। जिससे की अन्य राज्यों के उद्योग हमारे राज्य की ओर उद्योग लगाने हेतु प्रेरित हों। इस अवसर पर उद्योग चेम्बर  अध्यक्ष जेपी गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष महेश बंसल, प्रदेश उपाध्यक्ष उद्योग चेम्बर करमजीत सिंह बेदी, शंकर सचदेव, दिलीप इसरानी, सुनील मिश्रा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।