Chhattisgarh Tribal Folk Art Academy : महासमुंद की जय मां चंडी नाचा पार्टी ने बताया माता-पिता का प्यार है अनमोल


Chhattisgarh Tribal Folk Art Academy : रायपुर। छत्तीसगढ़ आदिवासी लोक कला अकादमी की ओर से 9 दिवसीय नाचा समारोह के चौथे दिन शनिवार की शाम महंत घासीदास संग्रहालय परिसर रायपुर के सभागार में दर्शकों के माता-पिता के प्यार का मोल बताने नाचा कलाकारों ने गम्मत प्रस्तुत किया। इस नाचा गम्मत के माध्यम से संदेश दिया गया कि आप पैसे से बहुत कुछ खरीद सकते हो लेकिन माता-पिता का प्यार सहित सब कुछ नहीं खरीद सके। इस संदेश के साथ जय मां चंडी नाचा पार्टी बिरकोनी गोपालपुर महासमुंद के मोहन साहू की टीम ने ‘मां की ममता-पिता का प्यार’की प्रस्तुति हुई। शुरूआत में छत्तीसगढ़ आदिवासी लोक कला अकादमी के अध्यक्ष नवल शुक्ल ने कलाकारों का स्वागत किया।


Chhattisgarh Tribal Folk Art Academy गम्मत के शीर्षक के अनुरूप कहानी एक किसान की है। जिसमें किसान भागीरथी, पत्नी गंगाबाई और पढ़ा-लिखा बेटा दीनूराम है। बेटा पढ़ा लिखा होने के कारण खेती बाड़ी नहीं करना चाहता। इसलिए एक अनाथ और गरीब नौजवान मजदूरी करने तैयार होता है। इधर किसान का बेटा बुरी संगत में पड़ जाता है और सारी जायजाद अपने नाम कर लेता है तथा माता-पिता से विवाद कर उन्हें और नौकर को घर से निकाल देता है। वह अपनी दौलत से सबकुछ खरीदने की होड़ में है। ऐसे में किसान और उसकी पत्नी आत्महत्या करने जा रहे होते हैं तो नौकर उन्हें बचा लेता है। इसके बाद किसान के बेटे को जीवन की सच्चाई मालूम होती है और फिर सभी खुशी-खुशी नई जिंदगी का शुरुआत करते हैं।


इस गम्मत में मुख्य पात्र भागीरथी-मोहन साहू, गंगाबाई-ढेलू राम साहू, दिनु राम-संत राम निषाद, भोलाराम-सोहन निषाद, ठगिया बाई रेखराम निषाद, चलवंतिन बाई-दिलीप साहू, दीनू का दोस्त-कृष्ण दास,डांसर गोवर्धन यादव और टिकेश निषाद,मैनेजर-संतराम निषाद, संचालक-मोहनलाल साहू,जोकर-सोहन संतराम निषाद, हारमोनियम-टीकम पटेल, बैंजो,आर्गन-देवेश पटेल, ढोलक-थानेश मानिकपुरी, तबला-हीरा दास मानिकपुरी और मनोज कुमार केसरवानी व झुमका-कांति राम साहू ने योगदान दिया।