64 हजार पुलिसकर्मियों को न्याय दिलाना चाहता था आरक्षक, गिरफ्तार

भिलाई। पुलिस विभाग में तृतीय वर्ग कर्मियों के हक के लिए संघर्ष करने के लिए पदयात्रा करने वाला आरक्षक विगत 1 साल से भी ज्यादा समय से फरार है।

भिलाई। पुलिस विभाग में तृतीय वर्ग कर्मियों के हक के लिए संघर्ष करने के लिए पदयात्रा करने वाला आरक्षक विगत 1 साल से भी ज्यादा समय से फरार है। पुलिस जवानों के लिए न्याय मांगने वाले रांजीव मिश्रा के खिलाफ जिला बीजापुर के थाना बीजापुर में 11 जनवरी 2022 को अपराध पंजीबद्ध है। आरक्षक संजीव मिश्रा ने छत्तीसगढ़ पुलिस के सिपाहियों के वेतन, भत्ते में वृद्धि न होने और आवास सुविधा से वंचित रखे जाने को लेकर सीएम बघेल और डीजीपी अशोक जुनेजा से सवाल किए थे। आरक्षक ने एक वायरल पत्र में 23 मार्च को दुर्ग के पटेल चौक में त्यागपत्र देने की भी घोषणा की थी। परंतु उसने अपना जगह परिवर्तित करते हुए आईजी ऑफिस दुर्ग के पास से पदयात्रा शुरू की गई। बाद में उसे भिलाई नगर पुलिस के द्वारा हिरासत में ले लिया गया है। फिर उसे बीजापुर पुलिस के सुपुर्द किया जाएगा।

राजद्रोह का अपराधी बनाने की प्लानिंग

एस. आर. हॉस्पिटल & रिसर्च सेन्टर आरक्षक मिश्रा ने बताया कि 63 हजार जवानों में से 16 हजार को ही क्वार्टर की सुविधा उपलब्ध होने, 100, 50, 60 रुपए भत्ते को बढ़ाने की फाइल लेकर सो जाने की बात कही है और सहायक आरक्षकों के मात्र 13 हजार वेतन वृद्धि को पिछले बजट में मंजूरी मिलने के बाद भी न देने को लेकर प्रश्न खड़ा किया है। संजीव मिश्रा ने पदयात्रा करते हुए मीडिया के समक्ष कहा कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को तृतीय श्रेणी के विभाग में कार्यरत 64000 कर्मियों की परेशानी दिखाई नहीं पड़ती है पुलिसकर्मियों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने पर उनको निश्चित रूप से राजद्रोह का प्रदीप बनाकर जेल में डाल दिया जाएगा इसके बावजूद वह डरने वाले नहीं है जेल से जब उठेंगे तब उनके द्वारा इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी। संजीव ने एसडीएम दुर्ग को लिखे पत्र में कहा है कि 23 मार्च को दोपहर 12 बजे वह पटेल चौक दुर्ग से पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर तक पैदल यात्रा निकाल कर पुलिस विभाग से त्याग पत्र देगा।