कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार के आदेश पर विवाद, NDA के 3 सहयोगी दल भी विरोध में


लखनउ। यूपी में कांवड़ यात्रा मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों में दुकानदार को अपना नाम लिखना होगा। इसमें दुकान मालिक का नाम और डिटेल लिखी जाएगी। शुक्रवार को सीएम योगी ने यह आदेश दिया। सरकार का कहना है कि कांवड़ यात्रियों की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया है। इसके अलावा, हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी। यूपी के बाद उत्तराखंड के हरिद्वार में भी यह आदेश लागू कर दिया गया है।

सरकार के इस आदेश के खिलाफ NDA के 3 सहयोगी दल खुलकर सामने आ गए हैं। आरएलडी ने इसके गलत परंपरा बताया, तो लोजपा (रामविलास) अध्यक्ष चिराग पासवान ने फैसले का समर्थन करने से इनकार किया। वहीं, JDU का कहना है कि यूपी सरकार को फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस फैसले को असंवैधानिक बताया। कहा- यह फैसला चुनावी लाभ के लिए है। यह प्रयास धर्म विशेष के लोगों का आर्थिक बायकॉट करने का है। वहीं, प्रियंका गांधी ने इस फैसले को लोकतंत्र पर हमला बताया है। जबकि ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने सरका के फैसले का समर्थन किया है।

यूपी में मुजफ्फरनगर पुलिस ने सबसे पहले दुकानों के बाहर दुकानदारों को अपना नाम लिखने का आदेश दिया था। पुलिस का तर्क था कि इससे कांवड़ यात्रियों में कंफ्यूजन नहीं होगा। मतलब, दुकानदार का धर्म पता चल सकेगा। इस साल कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू हो रही है, जो 19 अगस्त तक चलेगी। यूपी में हर साल 4 करोड़ कांवड़िए हरिद्वार से जल उठाते हैं।