Death of Lormi Forest Elephant : जंगल में वन्यजीव के साथ पेड़-पौधे भी सुरक्षित नहीं, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल…


Death of Lormi Forest Elephant : लोरमी !   वनमंडल के खुड़िया वन परिक्षेत्र के भूतकछार सर्किल के वन ग्राम सरगडी में हाथी की मौत का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक, हाथी की मौत दो दिन पहले हुई है. आज सुबह दुर्गंध आने के बाद जब कुछ लोग वहां पहुंचे तब इस बात की जानकारी हुई कि हाथी की मौत हो गई है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वन विभाग के अफसर सहित निचले स्टाफ किस तरीके से जंगल में अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. ऐसे में वन विभाग की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा हो रहा है. वही वन प्रशासन की निष्क्रियता देखने को मिल रही है

Death of Lormi Forest Elephant : दरअसल, खुड़िया वन परिक्षेत्र के जंगलों में यह पहला मामला नहीं है. पहले भी तेंदुए की मौत का मामला उजागर हुआ था. अचानक मार टाइगर रिजर्व में शिकारी है सक्रिय डीएफओ सत्यदेव शर्मा से मिली जानकारी के अनुसार, कवर्धा क्षेत्र के जंगलों में कुछ दिन पहले 6 हाथियों का झुंड विचरण कर रहा था, जो इन दिनों अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र के जंगल में विचरण कर रहा था. इसमें से बड़े मादा हाथी की मौत हो गई है. वहीं मौत की खबर की जनकारी मिलते ही विभाग के कुछ अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंच गए हैं. वहीं इस घटना को लेकर बड़ा सवाल यह है कि जंगल में आखिर जंगली जानवर कितने सुरक्षित हैं.

Death of Lormi Forest Elephant : बता दें जंगल में वन अधिकारी नहीं पहुंचते, जिसका खामियाजा जंगली जानवरों को उठाना पड़ रहा है. इसके चलते निचले स्तर के कर्मचारी भी मुख्यालय से नदारत रहते हैं और जंगल में वन्यजीव के साथ पेड़ पौधे भी सुरक्षित नहीं है. हाथी की मौत को लेकर प्रथम दृष्टया शिकारियों द्वारा छोटे जानवरो के शिकार के लिए लगाए गए तार की चपेट में आने से मादा हथिनी की मौत की आशंका विभाग जाहिर की जा रही है. हालांकि यह जांच में स्पष्ट होगा कि हाथी की मौत किन कारणों से हुई है.

वहीं घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. मुंगेली वनमंडल के डीएफओ सत्यदेव शर्मा, एसडीओ सहित वन विभाग के अन्य स्टाफ मौके पर पहुंच गए हैं. पंचनामा के बाद विभागीय कार्यवाही की जा रही है. बहरहाल देखना होगा इस पूरे मामले में जांच के बाद जिम्मेदार वन विभाग के अधिकारी सहित अन्य दोषियों के खिलाफ कब तक कार्रवाई की जाएगी. देखना होगा यदि वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की कोई लापरवाही उजागर होती है तो विभागीय कब तक कार्रवाई होती है.