छत्तीसगढ़ में फिर से ED की रेड : इस बड़े उद्योगपति के ठिकानों पर दी दबिश

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज सुबह ED ने महासमुंद विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर और एक बड़े उद्योग समूह के मालिक कमल सारडा समेत कई अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज सुबह ED ने महासमुंद विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर और एक बड़े उद्योग समूह के मालिक कमल सारडा समेत कई अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की है। मिली जानकारी के मुताबिक मंदिर हसौद के पास बहनाकाड़ी गांव के जमीन दलाल सुरेश बांदे और VIP करिश्मा अपार्टमेंट में एक सीए प्रतीक जैन के यहां भी ED ने दबिश दी है। गोरे परिसर स्थित कांग्रेस नेता रामगोपाल अग्रवाल के दफ्तर में भी जांच जारी है।

भिलाई, बिलासपुर और रायगढ़ में भी छापे की खबर है। हालांकि एजेंसियों ने अभी किसी बात दी पुष्टि नहीं की है। लेकिन आज सुबह से ही विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर समेत बाकी और लोगों के निवास के बाहर CRPF की फोर्स को जांच करने आए अधिकारियों को सुरक्षा देते देखा गया। जिनमें महिला और पुरूष दोनों ही अधिकारी शामिल हैं।

सुबह से ही टीम कार्रवाई के लिए पहुंची हुई है और जितने भी ठिकानों पर दबिश दी गई है वहां दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। मामले को कोल कारोबार में हुई मनी लॉन्ड्रिंग से भी जोड़कर देखा जा रहा है। कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ में ED की गतिविधियां बढ़ी है। इससे पहले ED ने कई कांग्रेस नेताओं और उससे पहले अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी।

इन कांग्रेस नेताओं के यहां पड़े थे छापे

इससे पहले ईडी ने कांग्रेस नेताओं के यहां दबिश दी थी। राष्ट्रीय अधिवेशन से ठीक पहले हुई छापेमारी कार्रवाई का कांग्रेस नेताओं ने विरोध भी किया था। पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, श्रम कल्याण मंडल अध्यक्ष सन्नी अग्रवाल, विधायक देवेंद्र यादव, प्रवक्ता आरपी सिंह और विनोद तिवारी के यहां ईडी की कार्रवाई हुई थी।

कोयला लेवी घोटाला में 500 करोड़ की उगाही, एक IAS और 9 लोग जेल में बंद

जांच एजेंसी ने बताया था कि छत्तीसगढ़ में ट्रांसपोर्ट किए जाने वाले हर टन कोयले पर 25 रुपए की अवैध वसूली की गई थी। इसमें राजनेता, सरकारी अफसर और व्यापारी शामिल थे। ED के मुताबिक, 2021 में 500 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई थी। अक्टूबर 2022 में भी ED ने इस घोटाले के सिलसिले में 40 ठिकानों पर छापा मारा था। इस दौरान 4 करोड़ कैश, करोड़ों की संपत्ति और दस्तावेज बरामद किए गए थे।

इस मामले में एक IAS और 9 कारोबारी जेल में बंद हैं। 13 अक्टूबर 2022 को छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी-चिप्स के CEO समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और वकील-कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था। 29 अक्टूबर को कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ने अदालत में सरेंडर किया था। राज्य सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद दो खनिज अफसरों समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक महीने पहले 6 कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर छापा मारा था। इसमें विधायक और पार्टी पदाधिकारी शामिल हैं। एजेंसी ने कोयला लेवी घोटाले में कार्रवाई की है। 4 दिन बाद, यानी 24 फरवरी को कांग्रेस का अधिवेशन था। इसमें सोनिया गांधी और राहुल भी पहुंचे थे। कांग्रेस ने कहा कि ये कार्रवाई अधिवेशन को डिस्टर्ब करने के लिए है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा ‘पिछले 9 सालों में ED ने जो रेड की हैं उसमें 95% विपक्षी नेता हैं, और सबसे ज्यादा कांग्रेस नेताओं के खिलाफ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अडाणी की सच्चाई खुलने और भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से हताश हो चुकी भाजपा ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।

ED के छापे को मुख्यमंत्री ने बताया था राजनीतिक हमला

कांग्रेस नेताओं के घर पर ED की छापेमारी से कांग्रेस आग-बबूला हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ED के छापे को राजनीतिक हमला बताते हुए कहा था, कांग्रेस ऐसी दमनकारी कार्रवाई के आगे झुकेगी नहीं। जब-जब कांग्रेस पार्टी कोई बड़ा कदम उठाती है, यहां छापे पड़ते हैं।