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भिलाई नगर। दुर्ग पुलिस ने जिले के निगरानी बदमाश अमित जोश को एनकाउंटर में मार गिराया है, जिले का ये चौथा एनकाउंटर है। अमित का बचपन अपराध की दुनिया के बीच बीता है। उसने मां-बाप को देखकर ही अपराध की राह पकड़ ली थी, BSP के मकानों पर कब्जा और वसूली उसका धंधा था।
पिता आर्ची गुंडा बदमाश था, वो पहले सेक्टर में सोसायटी चलाता था। लोगों को ब्याज में पैसा देता था, फिर उनके साथ मारपीट कर उनका सामान और पैसे रख लेता था। मां बिजी मॉरिस भी पति के साथ ब्याज का धंधा चलाती थी। वो महिलाओं के साथ मारपीट और कई अवैध धंधे करती थी। अमित बचपन से ही मां और बाप को गुंडागर्दी करते देखता था। इसके बाद उसने पढ़ाई पर ध्यान हीं दिया। वो भी गलत संगत में पड़ गया।
प्रदेश में 12 साल बाद कोई बदमाश पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। आखिरी बार 2012 में कोरबा के जंगल में हिस्ट्रीशीटर चुन्नू पुलिस के हाथों मारा गया था। वहीं दुर्ग जिले का ये चौथा एनकाउंटर है। सबसे पहले 2001 में दुर्ग के अंजोरा में कुख्यात सुखविंदर सिंह उर्फ सोक को मारा गया था।
2005 में तालपुरी के पास गोविंद विश्वकर्मा का एनकाउंटर हुआ था। इसके बाद साल 2010 के अक्टूबर महीन में शातिर नक्सली एरिया कमांडर नागेश और उसकी पत्नी तारा को पुलिस ने ढेर किया था। SP जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि अमित जोश कुख्यात बदमाश था। किसी पर भी चाकू, छुरी और पिस्टल से हमला कर देता था। जुलाई 2024 में रात करीब डेढ़ बजे 3 लोगों को गोली मारी थी। हमले में 2 लोग घायल थे। वारदात के बाद से आरोपी फरार था।
SP ने बताया कि पुलिस आरोपी पर लगातार नजर बनाकर रखी थी। इसी बीच पता चला कि वो पिछले 3 दिनों से भिलाई में है। जोश हाल ही जेल से छूटे अपने जीजा लकी जॉर्ज से मिलने भिलाई पहुंचा था, जैसे ही इसकी जानकारी डीएसपी क्राइम को हुई वो टीआई एसीसीयू और टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
आरोपी को पकड़ने के लिए अलग-अलग टीम बनाई गई। जोश के ठिकाने पर छापेमारी की गई। लॉज से लेकर हर जगहों पर तलाशी की गई। इस दौरान शुक्रवार को पुलिस और आरोपी की जयंती स्टेडियम के पास आमना-सामना हो गया। जोश ने पुलिस की एक टीम पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली आरोपी के पैर में लगी। इस दौरान आरोपी भागते हुए भी पुलिस पर 6-7 गोलियां चलाई। जवाबी फायरिंग में उसे 3 गोलियां लगी, जिससे उसकी मौत हो गई।