फर्जी सर्टिफिकेट का मामला- केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर की सेवा समाप्त की


नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शनिवार (7 सितंबर) को पूर्व ट्रेनी IAS अफसर पूजा खेडकर को भारतीय प्रशासनिक सेवा से तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त कर दिया। उनके खिलाफ ये एक्शन IAS (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत लिया गया है।

पूजा 2023 बैच की ट्रेनी IAS थीं। उन्हें CSE-2022 में 841वीं रैंक मिली थी। वे जून 2024 से ट्रेनिंग कर रही थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने रिजर्वेशन का फायदा उठाने के लिए सिविल सर्विस एग्जाम 2022 में खुद से जुड़ी गलत जानकारी दी थी।

UPSC ने अपनी जांच में पूजा को दोषी पाया था। इसके बाद 31 जुलाई को पूजा का सिलेक्शन रद्द कर दिया गया। पूजा पर उम्र, माता-पिता की गलत जानकारी, पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने का आरोप था। सिलेक्शन रद्द होने के बाद पूजा का पद छिन गया। उन पर भविष्य में UPSC का कोई भी एग्जाम देने पर रोक लग गई है।

28 अगस्त को पूजा ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा था कि UPSC के पास उनके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। मेरे सारे डॉक्यूमेंट को 26 मई 2022 को पर्सनैलिटी टेस्ट में आयोग ने वैरिफाई किया था। पूजा खेडकर की अंतरिम जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। पूजा ने कोर्ट से कहा था कि वो अपनी विकलांगता की जांच AIIMS में कराने को तैयार हैं। 4 सितंबर को दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर कहा था कि पूजा की तरफ से UPSC में जमा कराए गए दो डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट में से एक फर्जी होने का शक है।

इस पर पूजा ने कहा कि मैं अपनी मेडिकल जांच कराने को तैयार हूं। पहले इन्होंने कहा कि मैंने अपना नाम बदलकर एग्जाम दिया। अब ये कह रहे हैं कि मेरी विकलांगता पर भी संदेह है। ऐसा है तो मैं AIIMS जाने को तैयार हूं।

जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि पुलिस ने मामले में और जांच करने के लिए 10 दिन का समय मांगा है, इसलिए मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी। तब तक खेडकर को गिरफ्तारी से मिली राहत जारी रहेगी।