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नई दिल्ली। अविभाजित आंध्र प्रदेश के आखिरी सीएम किरण कुमार रेड्डी ने आज (7 अप्रैल) को बीजेपी ज्वाइन कर ली है. आज के इस घटनाक्रम से कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के नेता रहे रेड्डी ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर अपना त्यागपत्र भेज दिया था.
पार्टी ज्वाइन करने के तुरंत बाद बीजेपी हेडक्वार्टर में प्रेस को संबोधित करते हुए किरण ने कहा, कांग्रेस लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है और आलाकमान के गलत फैसलों की वजह से पार्टी राज्य दर राज्य टूट रही है. यह एक राज्य की बात नहीं लगभग-लगभग सभी राज्यों का यही हाल है.
बीजेपी ज्वाइन करने के सवाल पर क्या बोले किरण?
प्रेस को संबोधित करते हुए किरण ने कहा, मैं कांग्रेस के लिए कहना चाहूंगा कि कांग्रेस पार्टी लोगों के मत को नहीं समझ पा रही है. कांग्रेस पार्टी न तो विश्लेषण कर रही है कि गलती क्या है और न ही वे सही करना चाहते हैं.
वह यही सोचते हैं कि मैं ही सही हूं और देश की जनता सहित बाकी सब गलत हैं. इसी विचारधारा कि वजह से मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है. उनके लिए एक पुरानी कहानी है कि मेरा राजा बहुत बुद्धिमान है वह अपने आप नहीं सोचता और न ही किसी का सुझाव मानता है. आप सबको पता चल गया होगा कि मैं क्या कहना चाहता हूं.
इससे पहले भी दे चुके हैं इस्तीफा
हालांकि ये पहली बार नहीं था जब किरण कुमार ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है. इससे पहले भी उन्होंने 2014 में तत्कालीन यूपीए सरकार के आंध्र प्रदेश को विभाजित करने और तेलंगाना को अलग करने के फैसले के विरोध में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.
फैसले का विरोध इस कदर था कि उन्होंने इस्तीफा देने के तुरंत बाद अपनी खुद की पार्टी ‘जय समैक्य आंध्र’ बनाई. लेकिन 2014 के चुनावों में पार्टी ठीक प्रदर्शन नहीं कर सकी और बाद के सालों में रेड्डी ने फिर से कांग्रेस ज्वाइन कर ली. हालांकि, आज उन्होंने आधिकारिक रूप से बीजेपी ज्वाइन कर ली है, आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी उनको राज्य ईकाई में क्या भूमिका देती है.
कांग्रेस ने भुगता था आंध्र प्रदेश के विभाजन का खामियाजा
राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के आंध्र प्रदेश के एक फैसले की वजह से उसकी राज्य ईकाई को बहुत राजनीतिक नुकसान झेलना पड़ा था. उसके कई शीर्ष पार्टी नेताओं ने विरोध में प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. उस एक फैसले का दुष्प्रभाव ऐसा है कि उसके बाद से हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस अब तक आंध्र प्रदेश में एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत सकी है.