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हेल्थ डेस्क। इन दिनों यह कॉमन प्रॉब्लम है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग सभी इससे परेशान हैं। लिवर का हेल्दी रहना कितना जरूरी है यह समझाने के लिए हर साल 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे मनाया जाता है। इस बार की थीम है कि फैटी लिवर कभी भी किसी को हो सकता है। इसलिए सचेत रहें।
अगर आपने लिवर का ख्याल नहीं रखा तो ये बीमारियां हो सकती हैं-
लिवर डैमेज होने की अलग-अलग स्टेज हैं-
पहला स्टेज- हेल्दी लिवर, दूसरा स्टेज- फैटी लिवर, तीसरा स्टेज- फाइब्रोसिस लिवर, चौथ स्टेज- सिरोसिस लिवर, पांचवा स्टेज- कैंसर लिवर,
क्रिएटिव में बताए गए स्टेज को डिटेल में समझते हैं…
फैटी लिवर: जब लिवर पर चर्बी यानी फैट जमती है तो उसे फैटी लिवर कहते हैं।
जब हम खाना खाते हैं तब उसके फैट्स पचने के बाद खून से लिवर में जाकर प्रोसेस होते हैं। ऐसे में जब हम ज्यादा चर्बी वाला खाना खाते हैं तो एक्स्ट्रा चर्बी लिवर में जमा होती है। इस वजह से फैटी लिवर की प्रॉब्लम होती है।
फाइब्रोसिस: लिवर डैमेज की पहली स्टेज को लिवर फाइब्रोसिस कहा जाता है। लिवर फाइब्रोसिस में लिवर के हेल्दी टिश्यूज पर घाव बन जाते हैं।
इस स्थिति में लिवर सही से काम नहीं करता है। घायल हुए टिश्यूज, लिवर के अंदर ब्लड फ्लो को रोकते हैं। जिसकी वजह से लिवर के हेल्दी सेल्स खराब होने लगते हैं।
लिवर सिरोसिस: फाइब्रोसिस के बाद अगर लिवर और ज्यादा डैमेज हो गया है, तो इस स्थिति को लिवर सिरोसिस कहा जाता है।
इसमें मरीज को लिवर ट्रांसप्लांट करने की नौबत आ सकती है। हालांकि, लाइफस्टाइल में चेंजेज और मेडिकल ट्रीटमेंट से लिवर फाइब्रोसिस को लिवर सिरोसिस तक पहुंचने से बचाया जा सकता है।
लिवर कैंसर: लिवर कैंसर को हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा या हेपेटिक कैंसर भी कहा जाता है। जब यह कैंसर लिवर में डेवेलप होता है, तब वो वहां के सेल्स को खत्म करने लगता है। लिवर अपना काम सही तरह से नहीं कर पाता है।
फैटी लिवर क्यों होता है?
तेल मसाला और ऑयली चीजें खाने, वजन ज्यादा होने या ज्यादा शराब पीने वालों को फैटी लिवर की प्रॉब्लम आमतौर से होती है। इस कंडीशन में लिवर बढ़ता या सिकुड़ता है। इस वजह से यह ठीक से काम नहीं कर पाता।